
Drinking water
अंबिकापुर. प्यासे को पानी पिलाना पुण्य का काम है। भरी दोपहरी में मुसाफिरों को यदि पानी मिल जाए तो यह उनके लिए अमृत के समान होता है। यदि तपती गर्मी में आप कहीं खड़े हों और कोई पास आकर कहे कि हम आपके लिए नींबू का मीठा शरबत और ठंडा पानी लाए हैं। प्लीज! पी लीजिए।
यह सुनकर आप भले ही पहले आश्चर्यचकित हों लेकिन प्यास मिटने के बाद आप उसे दुआएं ही देंगे। ऐसा ही काम इन दिनों भाजपा के पूर्व पार्षद व उनकी पत्नी कर रहे हैं। वे हर दिन शहर में घूम-घूमकर लोगों को शरबत और ठंडा पानी पिला रहे हैं। उनके इस नेक काम की हर कोई सराहना कर रहा है।
जून की तपती गर्मी व नवतपा ने हर किसी का हाल बेहाल कर दिया है। दोपहर में अधिकांश लोग घरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं। यदि घर से बाहर निकलना जरूरी ही है तो सलाह दी जाती है कि उचित मात्रा में पानी पीकर निकलें, ताकि गर्मी व लू से बचा जा सके। कभी-कभी ऐसा देखने में आता है कि प्यास लगी हों और उस समय पीने को पानी न मिले।
ऐसे में खरीदकर पानी पीना ही एक विकल्प होता है। हालांकि गर्मी को देखते हुए प्रशासन व कुछ समाजसेवी संगठनों द्वारा शहर में प्याउ की व्यवस्था की गई है लेकिन वहां तक लोगों को पहुंचना पड़ता है। यदि आप प्यासे हों और पानी आपके पास चलकर आए तो यह काफी सुखद होता है।
ऐसा ही नेक काम इस तपती गर्मी में अंबिकापुर के पूर्व पार्षद रविंद्र गुप्त भारती व उनकी पत्नी द्वारा किया जा रहा है। दोनों अपनी स्कूटी में मासूम बेटे के साथ नींबू का मीठा शरबत और ठंडा पानी लेकर निकल जाते हैं। वे शहर में जगह-जगह लोगों के पास पहुंचकर उनकी प्यास बुझा रहे हैं। उनके इस कार्य की जहां सभी सराहना कर रहे हैं, वहीं दुआएं भी मिल रही हैं।
सेवा प्रकल्प के तहत काम
इस संबंध में पूर्व पार्षद ने बताया कि प्यासे को पानी पिलाना नेक काम है। सेवा प्रकल्प के तहत उनके व उनकी पत्नी द्वारा यह काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस नेक काम की शुरुआत कुछ दिन पूर्व माता-पिता व परिजनों द्वारा की गई है। दरअसल सेवा प्रकल्प के माध्यम से पूर्व पार्षद व उनकी पत्नी द्वारा वृद्धजनों का बकायदा पैर धोकर सम्मान किया जाता है।
Published on:
03 Jun 2018 06:17 pm
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