अंबिकापुर. संजीवनी 108 व महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। इसका असर स्वास्थ्य सुविधा पर भी देखने को मिला। कई गंभीर मरीज व सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को निजी वाहन से अस्पताल पहुंचना पड़ा।
वहीं महतारी एक्सप्रेस न मिलने के कारण एक गर्भवती महिला को उसे परिजन निजी कार से लेकर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। यहां पहुंचते ही महिला ने अस्पताल के बाहर कार में ही बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान अस्पताल में काम कर रहीं नर्सिंग की छात्राओं ने प्रसव कराकर बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती कराया। वहीं महिला को वार्ड में शिफ्ट कराया गया।
जशपुर जिले के बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम सरडीह निवासी अहलिया पति निर्मल 20 वर्ष को सोमवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई। अस्पताल में भर्ती कराने के लिए उसके पति ने महतारी एक्सपे्रस (102) को अपने मोबाइल से फोन लगाया। इस दौरान कंट्रोल द्वारा कहा गया कि संजीवनी १०८ व महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
इस कारण हम सुविधा मुहैया नहीं करा सकते। फिर उसका पति मायूस होकर तत्काल निजी कार से उसे सरडीह उपस्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचा। यहां अस्पताल की नर्सों ने महिला की स्थिति को गंभीर देखते हुए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने की सलाह दी। फिर परिजन उसे कार से ही लगभग 1 बजे दोपहर में मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे।
लंबा सफर तय करने के बाद महिला की स्थिति और ही ज्यादा खराब हो गई। अस्पताल पहुंचने के बाद परिजन उसे भर्ती कराने के लिए पर्ची कटाने लगे। इसी बीच महिला ने कार में ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस दौरान अस्पताल में काम कर रहीं नर्सिंग की छात्राओं ने आकर उसकी मदद की और बच्चे की साफ-सफाई कर एसएनसीयू में भर्ती कराया। वहीं महिला को वार्ड में शिफ्ट करा गया।
कई मरीज इलाज के लिए पहुंचे निजी वाहन से प्रदेश भर के संजीवनी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। गंभीर मरीज व सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को इलाज के लिए संजीवनी का सहारा नहीं मिला। वे किसी तरह निजी वाहन से अस्पताल पहुंचे।
संजीवनी व महतारी के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर छत्तीसगढ़ संजीवनी 108-102 कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले न्यूनतम मजदूरी दर लागू करने सहित छह सूत्रीय मांगों को लेकर संजीवनी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
दो दिनों तक काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन करने के बाद भी शासन-प्रशासन द्वारा मांगों का समाधान करने को लेकर कोई पहल नहीं की गई। इससे प्रदेश भर के कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु कर दी।