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यहां के निजी अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी के 7 घंटे बाद महिला ने तोड़ा दम, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

Woman death: महिला ने स्वस्थ बच्चे (Healthy child) को दिया था जन्म, सामान्य वार्ड में किया गया था भर्ती, तबियत अचानक खराब होने पर आईसीयू (ICU) में ले जाया गया लेकिन नहीं बची जान

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यहां के निजी अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी के 7 घंटे बाद महिला ने तोड़ा दम, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

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अंबिकापुर. शहर के एक निजी अस्पताल (Private hospital) में सिजेरियन डिलीवरी के 7 घंटे बाद प्रसूता की मौत हो गई। मौत के बाद परिजन ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मणिपुर चौकी में शिकायत दर्ज कराई है। परिजन की मांग पर डॉक्टरों की चार सदस्सीय टीम द्वारा शव का पीएम कराया गया।


शहर के सदर रोड निवासी अंजनि विश्वकर्मा पति उदय शंकर विश्वकर्मा 30 वर्ष को २ दिसंबर की सुबह डिलीवरी के लिए संकल्प अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल संचालिका गायनोलॉजिस्ट डॉ. लता गोयल द्वारा 9 बजे सिजेरियन डिलीवरी से प्रसव कराया गया। महिला ने स्वस्थ्य पुत्र (Healthy child) को जन्म दिया।

इसके बाद उसे सामान्य वार्ड में भर्ती किया गया था। लगभग 2 बजे अचानक महिला की तबियत विगड़ गई। परिजन ने इसकी जानकारी डॉक्टर को दी। डॉक्टर ने उसे तत्काल गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया। इसके बाद परिजन द्वारा पीडि़ता के संबंध में डॉक्टर से बार-बार जानकारी ली गई पर डॉक्टर द्वारा कोई विशेष जवाब नहीं दिया गया।

शाम चार बजे के बाद परिजन को बताया गया कि महिला की मौत हो गई। इस दौरान परिजन का कहना है कि ऑपरेशन के सात घंटे तक ठीक रहने के बाद अचानक तबियत कैसे बिगड़ गई। परिजन ने डॉक्टर पर ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई है।


चार चिकित्सकों की टीम की निगरानी में पीएम
मृतिका के पति उदय शंकर विश्वकर्मा का कहना है कि मौत के बाद उन्हें अस्पताल प्रबंधन (Hospital management) द्वारा गुमराह करने का प्रयास किया गया।

परिजन की मांग पर गुरुवार को संयुक्त संचालक शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, चिकित्सालय अंबिकापुर द्वारा गठित जांच समिति में शामिल मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. जेपी साहू, डॉ. एसएन कुजूर, डॉ रवि सोनी, फॉरेंसिक विभाग के सहायक अध्यापक एसएन गोले की मौजूदगी में शव का पीएम कराया गया। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा।


नियमित कराई गई थी जांच
मृतिका अंजनि की यह तीसरी डिलीवरी थी। उसने पहली बार नॉर्मल प्रसव से बच्ची को जन्म दिया था, जिसकी उर्म दस वर्ष है। वहीं दूसरी बार ऑपरेशन द्वारा बच्ची को जन्म दिया था। जिसकी उर्म 6 वर्ष है। तीसरी बार गर्भवती होने पर परिजन द्वारा हर महीने संकल्प अस्पताल में नियमित जांच कराई जा रही थी।

दो दिसंबर को परिजन महिला को जांच कराने के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे थे। इस दौरान डॉक्टर लता गोयल ने ऑपरेशन द्वारा डिलीवरी कराने की बात कही थी। परिजन के अनुसार जनवरी में डिलीवरी होनी थी। लेकिन डॉक्टर के निर्देश पर परिजन ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए।

इसके बाद उसे ऑपरेशन थिएटर में ले गए। प्रसव के बाद पुत्र के जन्म की खबर पर परिजन खुश थे, अचानक मां के मौत की खबर मिलने के बाद सभी सदमे में हैं। वहीं बच्चे के परवरिश की चिंता बढ़ गई है।


सांस नली में फंस गया था पानी
पेशेंट अंजनि को बुधवार की सुबह सात बजे लाया गया था। प्रसव पीड़ा भी थी। ऑपरेशन द्वारा डिलीवरी कराई गई। इसके बाद मरीज पूरी तरह ठीक थी। दो बजे अचानक मरीज की तबियत बिगडऩे पर उसे आईसीयू में शिफ्ट कराया गया। उसे बचाने के लिए संकल्प अस्पताल के पूरे डॉक्टर्स द्वारा कोशिश की गई पर उसे बचाया नहीं जा सका। काफी कम मरीजों में इस तरह की समस्याएं आती है। सांस नली में पानी फंस जाता है।
डॉ. लता गोयल, संकल्प अस्पताल