26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: 90 प्रतिशत लोग इस वजह से करते हैं आत्महत्या, ऐसे बचाएं जान

World suicide preventionday: प्रतिवर्ष 10 सितंबर को मनाया जाता है विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को किया जा रहा जागरुक

2 min read
Google source verification
World suicide prevention day

World suicide prevention day

अंबिकापुर. World suicide preventionday: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितंबर को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सरगुजा द्वारा 6 सितंबर से विविध आयोजन किए जा रहे हैं। इसी परिपेक्ष्य में प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मनो चिकित्सक डॉ.हितेश कुमार सिंह ने बताया कि डिप्रेशन (Depresion) से पीडि़त की शुरूआती दौर में ही पहचान हो जाए और उसे काउंसिलिंग व इलाज का लाभ मिले तो उसे डिप्रेशन से उबारना आसान है। ऐसे व्यक्ति की जान बच सकती है। ऐसे लोग जिनके हाव-भाव, व्यवहार में बदलाव महसूस हो, उन्हें उस स्थिति से उबारने का हर कोई प्रयास करें।


डॉ. हितेश ने बताया कि जिनके मन में आत्महत्या का विचार आ रहा हो, ऐसे लोग या उनके परिजन ऐसे लोगों को लेकर मनोरोग चिकित्सक के संपर्क में आएं तो आत्महत्या के दर में निश्चित रूप से गिरावट आएगी।

चिकित्सा मनोविज्ञानी डॉ. सुमन कुमार ने बताया आत्महत्या की प्रवृत्ति में पाबंदी कैसे लगे इसकी जानकारी जगह-जगह कार्यक्रम आयोजन कर दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 90 प्रतिशत लोग अवसाद या डिप्रेशन (Depression) के कारण आत्महत्या करते हैं। बिना डिप्रेशन के भी आत्महत्या की स्थिति बनती है।

यह भी पढ़ें: वैन की टक्कर से घर के बाहर बैठी युवती की मौत, गुस्साए लोगों ने वाहन में लगाई आग, चौकी का किया घेराव


ऐसे लोगों को अकेले नहीं छोडऩा चाहिए
डॉ.सुमन ने पीडि़तों की पहचान के लक्षण से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि आत्महत्या की मंशा मन में लेकर चलने वाला गुमसुम रहता है। अपने परिवार, परिचित लोगों से मेल-मिलाप कम कर देता है। अंदर ही अंदर ऐसे लोग तनाव से घिरे रहते हैं।

ऐसे लोगों को अकेले नहीं छोडऩा चाहिए बल्कि इनके मन में बने आत्मघाती प्रवृत्ति में बदलाव आए, इसके लिए मनोरोग चिकित्सक के संपर्क में आना चाहिए। उन्होंने बताया कि अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मनोरोग चिकित्सक से संपर्क कर लोग नि: शुल्क काउंसिलिंग, इलाज की सुविधा का लाभ ले सकते हैं। ऐसे लोगों को साइकोथेरेपी की जरूरत होगी तो वह सुविधा भी दी जाएगी।