इसी कड़ी में बिडेन सरकार ने ट्रंप सरकार के एक और बड़े फैसले को पलट दिया है, जिससे सबसे अधिक भारतीय नागरिकों में खुशी की लहर है। दरअसल, बिडेन सरकार ने H1B वीजा पर अहम फैसला लेते हुए इसकी मंजूरी दे दी है। यानी कि अब अमरीका में काम करने वाले प्रवासियों के जीवनसाथी भी वहां रह सकते हैं।
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इससे पहले ट्रंप सरकार ने यह कहते हुए H1B वीजा पर रोक लगा दी थी कि इससे अमरीकियों को नुकसान हो रहा है। ट्रंप ने दलील दी थी कि यह अमरीका के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है। ट्रंप सरकार का मकसद अधिकतर विदेशी श्रमिकों को अमरीका से बाहर रखना था।
बता दें कि ओबामा प्रशासन ने H1B वीजाधारकों के जीवनसाथियों को H4 वीजा के तहत अमरीका में काम करने की अनुमति दी थी। लेकिन जब सत्ता परिवर्तन हुआ तो ट्रंप प्रशासन ने इसपर रोक लगाने की कोशिश की।
60 सांसदों के एक समूह ने बिडेन सरकार से किया था अनुरोध
मालूम हो कि अमरीका में 60 सांसदों के एक समूह ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन से वीजा के संबंध में पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की एक नीति को बदलने का अनुरोध किया था। सांसदों ने एच-4 वीजा प्राप्त लोगों के दस्तावेज की वैधता की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था।
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बता दें कि H-1B वीजा आमतौर पर उन लोगों को जारी किया जाता है, जो रोजगार के आधार पर अमरीका के स्थायी निवासी का दर्जा हासिल करना चाहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो H-1B वीजा अमरीका में काम करने वाले पेशेवरों के जीवनसाथियों को जारी किया जाता है।
वीजा धारकों में अधिकतर उच्च कौशल वाली भारतीय महिलाएं और भारतीय आईटी पेशेवर शामिल हैं। अमरीकी नागरिकता और आव्रजन सेवाएं (USCIS) विभाग द्वारा H-4 वीजा, H-1B वीजा धारकों के परिवार के सदस्यों (जीवन साथी और 21 साल से कम उम्र के बच्चों) के लिए जारी किया जाता है।