इसी बीच बोलसोनारो के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। उनकी उम्मीदवारी के वुरुद्ध विरोध प्रदर्शन करने के लिए हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। लोगों ने ‘नॉट हिम’ के नारे भी लगाए।
पत्रकार खशोगी हत्या में सामने आए चौंकाने वाले राज, सऊदी अरब ने बनाई थी साइबर आर्मी साओ पाउलो, रियो द जेनेरियो, ब्रासीलिया समेत 24 अन्य शहरों में बोलसोनारो के खिलाफ लोगों ने जमकर पदर्शन किया और ’नॉट हिम’ के नारे लगाए। बता दें, धुर दक्षिणपंथी और पूर्व सैन्य कप्तान बोलसोनारो अपने निकटतम विरोधी प्रत्याशी वर्कर्स पार्टी के फर्नांडो हद्दाद से बढ़त बनाए हुए हैं। जानकारों के अनुसार- ब्राजील में 2003 से 2016 तक वाम झुकाव वाली वर्कर्स पार्टी का शासन रहा पर अब वे भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- देश में 1964-1985 के दौरान रहे सैन्य तानाशाही की प्रशंसा और महिलाओं, समलैंगिकों एवं अश्वेत समुदायों को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद लोगों में बोलसोनारो के खिलाफ नाराजगी बढ़ी है। उन्होंने 7 अक्टूबर को हुए पहले चरण के चुनाव में जीत हासिल की थी।
अफगानिस्तान चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा, लगभग 170 लोगों की मौत दरअसल, बोलसोनारो के ’परंपरागत ब्राजीली मूल्यों’ की ओर वापसी की बात ने देश के मतदाताओं को प्रभावित किया और वे अपराध, मादक पदार्थों के तस्करों और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के उनके आश्वासन को अपना समर्थन दे रहे हैं। उधर, हद्दाद का आरोप है कि बोलसोनारो सोशल मीडिया के जरिए उन्हें लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं। संघीय पुलिस ने उनके इस आरोप के बाद आश्वासन दिया है कि मामले में जांच की जाएगी।