‘चुनावों को प्रभावित करने के प्रयासों पर रखें नजर’
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन ने रूस, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया के इस तरह के संभावित प्रयासों की निंदा की। रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि इस कार्यकारी आदेश में अमरीकी खुफिया एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि नजर रखें कि क्या चुनावों को प्रभावित करने के प्रयास किए जा रहे हैं और यदि भविष्य में चुनाव में इस तरह का हस्तक्षेप हो तो प्रतिबंध लगाने के लिए एक तंत्र की स्थापना करें।
प्रक्रिया को सुरक्षित रखने के लिए उठाए जा रहे सख्त कदम
बता दें कि ट्रंप ने एक बयान जारी कर कहा, ‘अमरीकी चुनाव के नतीजों को विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित करने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम अपनी चुनाव प्रणाली और प्रक्रिया को सुरक्षित रखने के लिए सख्त कदम उठाने जा रहे हैं।’
कदम की हो रही है आलोचना
ट्रंप के इस फैसले पर अमरीका में कई तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रहीं है। बता दें कि इस कदम को विपक्षी डेमोक्रेट और कई रिपब्लिकन से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन का बयान
हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने बुधवार को इस बात से इनकार किया कि कांग्रेस के दोनों सदनों के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप को रोकने के लिए ट्रंप के फैसले पर आलोचनाओं का प्रभाव पड़ा है। बोल्टन ने मीडिया से बात करते हुए बताया, ‘हमें लगता है कि यह दिखाना महत्वपूर्ण था कि राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख उठाया है और यह ऐसा मुद्दा है, जिसकी हम परवाह करते हैं।’