
नई दिल्ली।
अमरीका में हडसन इंस्टीट्यूट ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अमरीका मे बीते कुछ महीनों भारत विरोधी गविधियां और संगठन तेजी से सक्रिय हुए हैं। खासकर, पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी संगठन खालिस्तानी समूह ने वहां अपनी पकड़ काफी मजबूत कर ली है और यह भारत के लिए चिंता की बात होनी चाहिए।
हैरानी की बात यह है कि इन संगठनों की भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए भारत सरकार ने कई बार अमरीकी सरकार से अपील की, मगर यहां की सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है। हडसन इंस्टीट्यूट ने इस रिपोर्ट को पाकिस्तान का अस्थिरता का षडयंत्र-अमरीका में खालिस्तान की सक्रियता शीर्षक से प्रकाशित किया है।
इस रिपोर्ट में पाकिस्तान की ओरे से इन संगठनों को दिए जा रहे समर्थन और दूसरी मददों की जांच के लिए अमरीका में खालिस्तान और कश्मीर अलगाववादी समूहों के आचरण को आंका गया है। रिपोर्ट में इन समूहों के भारत में अलगाववादी और उग्रवादी तथा आतंकी संगठनों के साथ संबंध और दक्षिण एशिया में अमरीकी विदेश नीति पर उनकी गतिविधियों के संभावित नुकसानदायक प्रभावों पर गौर किय गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकी संगठनों की रह खालिस्तानी संगठन नए नाम के साथ सामने आ सकते हैं। वहीं, अमरीका ने खालिस्तानियों द्वारा की गई हिंसा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। खालिस्तान अभियान के सबसे कट्टर समर्थक ब्रिटेन, कनाडा और अमरीका जैसे पश्चिमी देशों में सक्रिय हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जब तक अमरीकी सरकार खालिस्तान से संबंधित उग्रवाद और आतंकवाद की निगरानी को प्राथमिकता नहीं देती, तब तक उन समूहों की पहचान होना मुश्किल है। इसमें वे संगठन भी शामिल हैं, जो पंजाब में हिंसा में शामिल रहे हैं या फिर ऐसा करने की तैयारी कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीका में खालिस्तान से संबंधित भारत विरोधी सक्रियता हाल के दिनों में ज्यादा बढ़ी है।
Published on:
15 Sept 2021 02:11 pm
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