छह पहिए वाला यह रोवर मंगल ग्रह पर उतरकर वहां पर कई तरह की जानकारी जुटाएगा और ऐसी चट्टानें लेकर आएगा, जिनसे इन सवालों का जवाब मिल सकेगा कि क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था।
नासा के रोवर के लाल ग्रह की सतह पर पहुंचने की पूरी प्रक्रिया आसान नहीं थी। लैंडिंग से पहले रोवर को उस दौर से भी गुजरना पड़ा, जिसे 7 मिनट का आतंक या टेरर ऑफ सेवन मिनट्स कहा जाता है।
जेजेरो क्रेटर मंगल ग्रह का अत्यंत दुर्गम इलाका है। यहां पर गहरी घाटियां, और तीखे पहाड़ हैं। इसके साथ ही यहां पर रेत के टीले और बड़े बड़े पत्थर इसको और भी खतरनाक बना देते हैं। ऐसा माना जाता है कि जेजेरो क्रेटर में पहले नदी बहती थी। जो कि एक झील में जाकर मिलती थी। इसके बाद वहां पर पंखे के आकार का डेल्टा बन गया. वैज्ञानिक इसके जरिए ये पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या मंगल ग्रह पर कभी जीवन था।
रोवर के मंगल ग्रह पर उरने के साथ ही अमरीका मंगल ग्रह पर सबसे ज्यादा रोवर भेजने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।