
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारतीयों का अमरीका में रहना हुआ मुहाल, रिपोर्ट में खुलासा
वाशिंगटन। भारत में कई ऐसे लोग होंगे जो अमरीका में जाकर बसने की प्लानिंग कर रहे होंगे। लेकिन ये खबर उनके सपनों को तगड़ा झटका दे सकती है। दरअसल हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके अनुसार अमरीका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति के पद संभालने के बाद से भारतीयों का वहां रहना मुश्किल हो गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है ट्रंप का अप्रवासी नीतियों में बदलाव करना। बता दें कि ट्रंप ने सरकार संभालने के बाद अमरीका की अप्रवासी नीति में बड़ा बदलाव किया है।
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की रिपोर्ट
इसके चलते अमरीका में पिछले दो साल में भारतीयों को मिलने वाले ग्रीन कार्ड की संख्या में भारी मात्रा में गिरावट आई है। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो साल में ग्रीन कार्ड धारकों की संख्या घटी है। इससे संबंधित आंकड़ों की मानें तो पिछले साल करीब 6 लाख भारतीयों ने ग्रीन कार्ड के लिए आवदेन किया था, लेकिन उनमें से मात्र 60,394 लोगों को ही ग्रीन कार्ड मिल पाया है। गौरतलब है कि दुनिया में ग्रीन कार्ड के जरिए ही गैर-अमरीकी लोगों को वहां रहने और काम करने का मौका मिलता है। पिछले साल 20,549 ऐसे भारतीयों को ग्रीन कार्ड दिया गया जिनका आवेदन पत्नी, संतान और माता-पिता की कैटेगरी में था। जबकि 14,962 ग्रीन कार्ड बहन-भाई की कैटेगरी में जारी किए गए।
इन भारतीयों को ग्रीन कार्ड के लिए करना होगा इंतजार
अमरीका में प्रवासी भारतीयों के संगठन की वेबसाइट GCReforms.org के अनुसार, 25 से 92 साल उम्र के भारतीयों को ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार करना होगा। कहा जा रहा है कि ग्रीन कार्ड जारी करने की लिमिट भी समाप्त कर दी गई है। बता दें कि अप्रैल 2018 तक 6,32,219 भारतीय प्रवासी और उनके बीवी-बच्चे ग्रीन कार्ड के लिए प्रतीक्षारत थे।
हर देश के लिए मात्र 7 प्रतिशत कोटा
वहीं 2017 में कुल 60,394 आवेदकों में से 23,569 लोगों को ग्रीन कार्ड जारी किया गया था। यह कार्ड एच-1बी वीजा की तरह रोजगार आधारित था। जब से अमरीका में ट्रंप सरकार आई है तब से अप्रवासी नीति में बडा़ बदलाव किया गया है। इसके बाद से ही कुशल भारतीय-अमरीकियों को भी ग्रीन कार्ड के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि ये लोग एच1बी वीजा धारक हैं। दरअसल ट्रंप सरकार ने अप्रवासी नीति में बदलाव किया है तब से हर देश के लिए मात्र 7 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि 2015 में 64,116 और 2017 में 64,687 भारतीयों को वैध स्थाई निवास के लिए ग्रीन कार्ड जारी किया गया।
Published on:
21 Oct 2018 04:37 pm
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