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इंसान से भी अधिक है इस बल्ब की उम्र, 117 साल से दे रहा रोशनी

Published: Mar 18, 2018 01:44:43 pm

Submitted by:

Shweta Singh

‘सैंटेनियल लाइट’ नाम से मशहूर यह बल्ब आजतक कभी फ्यूज नहीं हुआ।

Bulb

कैलिफोर्निया। आज के दौर में जब गारंटी को वारंटी से रिप्लेस कर दिया गया है और फिर भी किसी चीज के अधिक समय तक टिकने की उम्मीद नहीं रहती है। ऐसे में अगर हम आपको बताए एक बल्ब पिछले 117 साल से लगातार जल रहा है, तो शायद आपका यकीन करना शायद मुश्किल हो। लेकिन ये सच है, ‘सैंटेनियल लाइट’ नाम से मशहूर यह बल्ब आजतक कभी फ्यूज नहीं हुआ।

1901 से जल रहा है ये बल्ब
यह बल्ब अमरीका के लिवरमोर के एक केंद्र में लगा है। जानकारी के अनुसार यह बल्ब सबसे पहले 1901 में जलाया गया था। इसके जलने में सिर्फ 4 वॉट बिजली का ही इस्तेमाल होता है। ये बल्ब दिन के चौबीसों घंटे जलता रहता है।

2001 में 100वां जन्मदिन भी मनाया गया
यहां दमकलकर्मियों के मुताबिक 1937 में पहली और आखिरी बार ये बल्ब बंद हुआ था, लेकिन उस समय भी उसका कारण यहां की लाइन खराब होना था। हालांकि तार बदलने के बाद ही यह दोबारा से चालू हो गया। और तब से ही यह लगातार जल रहा है। आपको बता दें 2001 में इस बल्ब का 100वां जन्मदिन भी मनाया गया था। इस जन्मदिन पार्टी में बकायदा संगीत और पार्टी आयोजित की गई थी।

बल्ब देखने के लिए लगती है दर्शकों की भीड़
इस बल्ब को देखने ठीक वैसे ही लोग पहुंचते है जैसे किसी म्यूजियम को देखने पहुंचते हैं। बता दें कि बल्ब को देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। यहां आने वालों की संख्या पिछले 30 दशकों से की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है इसका नाम
गौरतलब है कि 2013 में एक लाइव टेलीकास्ट के दौरान यह बल्ब बुझ गया था। तब सबको यही लगा था कि आखिरकार यह बल्ब खराब हो गया है। लेकिन बाद में पता चला कि बल्ब अभी भी सही-सलामत है, हालांकि उसको बिजली सप्लाई करने वाला 76 वर्ष पुराना तारें खराब हो गई थी, जिसके चलते बल्ब बुझ गया था। इस बल्ब का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।

इसलिए घटा दी गई बल्बों की औसतन आयु
2010 में एक फ्रेंच-स्पेनिश डॉक्यूमेंट्री में इसका जिक्र हुआ था। उस डॉक्युमंट्री में खुलासा किया गया था कि इस बल्ब का हवाला देते हुए कंपनी वालों ने चिंता जाहिर की अगर सब बल्ब इतना ही टिकाऊ होने लगे तो बिक्री पर असर पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि तब ग्राहकों को बल्ब बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके बाद 1924 में एक गोपनीय बैठक हुई और तबसे ही बल्बों की औसतन उम्र घटा दी गई। धीरे-धीरे सभी कंपनियों ने यही रास्ता अपना लिया। इसका ही नतीजा है कि अब बाजार में उपलब्ध बल्ब कुछ वर्षों तक ही चलता है।

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