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मिल गई उस बीमारी की दवा, जिससे पीड़ित हैं दुनिया के 200 करोड़ लोग

वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी बीमारी की दवा खोज निकाली है जिससे दुनिया भर में 200 करोड़ से ज्यादा लोग पीड़ित हैं।

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Chandra Prakash Chourasia

Nov 28, 2017

vision loss

नई दिल्ली। अब बढ़ती उम्र के लोगों को आंखों की बीमारियों से घबराने की जरूरत नहीं है। वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अंधेपन से लड़ने का तोड़ ढूंढ निकाला है। शोध में अंधेपन की मुख्य वजह का पता लगाया गया है। यही नहीं उसके इलाज के लिए दवा भी ढूंढ ली गई है।


आंखों की कई समस्याओं का इलाज मिला
आंखों की बीमारी की मुख्य वजह मैकुलर डिजनरेशन है। शोधकर्ताओं ने ऐसी दवा की खोज की है,जिससे आंखों की नशों की सूजन को वक़्त रहते रोका जा सकता है। इस तरह से अंधेपन समेत आंखों की कई बीमारियों से छुटकारा मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।


दुनिया 200 करोड़ लोग इसके शिकार
वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के रिसर्च में पता चला कि दुनियाभर में मैकुलर डिजनरेशन करोड़ों लोग पीड़ित हैं। विभाग के वाइस चेयरमैन जयकृष्णा अंबाती ने बताया कि पूरे विश्व में 200 करोड़ से अधिक लोग को मैकुलर डिजनरेशन की समस्या के शिकार है। उन्होंने कहा कि 'अगर सभी मैकुलर डिजनरेशन से पीड़ित लोगों को एक साथ मिलाया जाए तो वो विश्व में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले 8वें देश के रूप में सामने आएंगे।


बीमारी के जड़ का पता लगाकर ढूंढा इलाज
शोध में यह पता लगाया गया है कि जब आंखों को कोई बीमारी होती है तो सबसे पहले आंखों के किस हिस्से में समस्या शुरू होती है। उसी समस्या को रोकने के लिए इस दवा का इस्तेमाल होगा। इस तरह बीमारी को जड़ से निकाला जा सकता है। इस बीमारी को खत्म करने के लिए दुनिया भर में लंबे समय से शोध चल रहा था लेकिन किसी को सफलता नहीं मिली थी। ऐसे में वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के लिए यह बड़ी कामयाबी है।


अब विस्तृत जानकारी के लिए कर रहें हैं काम
शोधकर्ता अभी इस पर और जांच कर रहें है ताकि उनको और विस्तृत जानकारी मिल सके। फिलहाल उनको मिली सफलता की रिपोर्ट उन्होंने 'नेचर मेडिसिन' जर्नल में छापी जा चुकी है ।