इसमें कहा गया है कि दोनों नेता इस बात पर चर्चा करेंगे कि कोरियाई प्रायद्वीप पर उत्तर कोरिया के पूर्ण निरस्त्रीकरण और शांति को कैसे पाया जाए। उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम से छुटकारा पाने पर अमरीकी नेतृत्व वाली कूटनीति ठप हो गई है क्योंकि बीते महीने वियतनाम में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ ट्रंप का दूसरा शिखर सम्मेलन बिना किसी सौदे के समाप्त हो गया था। उत्तर कोरिया ने बाद में परमाणु कूटनीति छोड़ने की धमकी दी थी, जिसमें बीते साल हुए निरस्त्रीकरण उपायों से मेल खाने के अमरीकी कदमों की कमी का हवाला दिया गया था। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया की हरकतों से दक्षिण कोरिया सबसे अधिक परेशान है। उसका कहना है कि अगर उत्तर कोरिया परमाणु निरस्त्रीकरण के रास्ते पर नही चलता है तो उसके लिए सबसे अधिक परेशानी का सबब होगा। उत्तर कोरिया को लेकर वह हमेशा से सर्तक रहा है।