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मंगल ग्रह के घूमने की रफ्तार में तेजी, छोटे हो गए दिन

अंतरिक्ष की हलचल : पिघले कोर की गतिविधियों के कारण रहस्यमय तरीके से डगमगाहट, इनसाइट मार्स लैंडर से मिले डाटा के आधार पर नासा का शोध

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मंगल ग्रह के घूमने की रफ्तार में तेजी, छोटे हो गए दिन

मंगल ग्रह के घूमने की रफ्तार में तेजी, छोटे हो गए दिन

वॉशिंगटन. मंगल ग्रह पहले के मुकाबले तेजी से घूम रहा है। इसकी रफ्तार हर साल चार मिलीआर्क सेकंड बढ़ रही है। इससे ग्रह पर दिन छोटे हो रहे हैं। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ताजा शोध में यह खुलासा हुआ है। नेचर मैगजीन में प्रकाशित शोध रिपोर्ट में बताया गया कि मंगल के पिघले हुए कोर की गतिशील गतिविधियों के कारण ग्रह रहस्यमय तरीके से डगमगाने लगता है। वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह के चक्कर लगाने का अब तक का सबसे सटीक माप हासिल करने का दावा किया है।

नासा के इनसाइट मार्स लैंडर ने दिसंबर 2022 में रिटायर होने से पहले कुछ डाटा पृथ्वी पर भेजा था। इसी के आधार पर वैज्ञानिकों ने शोध कार्य किया। लैंडर ने डाटा ‘रोटेशन एंड इंटीरियर स्ट्रक्चर एक्सपेरिमेंट’ (आरआइएसई) नाम के उपकरण से रिकॉर्ड किया था। इसने ग्रह की घूमने की दर को ट्रैक करने के लिए पृथ्वी पर नासा के डीप स्पेस नेटवर्क में एडवांस्ड रेडियो टेक्नोलॉजी और एंटेना के अपग्रेड्स का इस्तेमाल किया। शोध में यह नहीं बताया गया कि मंगल ग्रह के घूमने की रफ्तार बढऩे का कारण क्या है।

जियोफिजिकल स्टेशन बनाने की तैयारी

दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी में इनसाइट लैंडर के प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर ब्रूस बैनड्र्ट ने मंगल ग्रह के बारे में नई जानकारी को महत्त्वपूर्ण बताया। उनका कहना है कि वह लंबे समय से मंगल ग्रह पर इनसाइट लैंडर जैसा जियोफिजिकल स्टेशन बनाने की तैयारी में जुटे हैं। शोध के नतीजों से इस दिशा में आगे बढऩे में मदद मिलेगी।

पोल की बर्फ हो सकती है रफ्तार की वजह

वैज्ञानिकों का मानना है कि रफ्तार बढऩे का कारण मंगल ग्रह के पोल पर जमा बर्फ हो सकती है। बर्फ से ढके भूभाग दबाव के कारण ऊपर उठते हैं। ग्रह के द्रव्यमान वितरण में यह परिवर्तन संभावित रूप से गति में तेजी को ट्रिगर कर सकता है।