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भारतीय मूल के जज ने दिया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झटका, अमरीकी कांग्रेस को देना होगा संपत्ति का ब्योरा

locationनई दिल्लीPublished: May 21, 2019 07:17:16 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

ट्रंप की दीर्घकालिक लेखा फर्म से कांग्रेस की समिति ने वित्तीय रिकॉर्ड मांगे
ट्रंप के वकीलों ने इसके खिलाफ बीते महीने मुकदमा दायर किया था
अकांउटेंट फर्म मजार्स यूएसए को कांग्रेस के सामने पेश होने से रोक लगाने की मांग

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भारतीय मूल के जज ने दिया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झटका, अमरीकी कांग्रेस को देना होगा संपत्ति का ब्योरा

वाशिंगटन। वाशिंगटन के एक संघीय न्यायाधीश ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दीर्घकालिक लेखा फर्म के वित्तीय रिकॉर्डस की मांग की है। यह फर्म सालों से ट्रंप के बही खातों को देख रही थी। अमरीकी कांग्रेस की जांच समिति ने इन संदिग्ध दस्तावेजों की मांग की थी। अमरीकी जिला न्यायाधीश अमित मेहता के फैसले ने ट्रंप को एक बड़ा झटका दिया हैं। पहली बार एक संघीय अदालत ने राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक सांसदों के बीच जारी गतिरोध में अपनी भी उपस्थिति दर्ज कराई है। ट्रंप के वकीलों ने बीते महीने मुकदमा दायर किया था, इसमें ट्रंप की अकांउटेंट फर्म मजार्स यूएसए को ब्लॉक करने की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया था कि इस एकाउंटिंग फर्म को कांग्रेस के सामने गवाही देने से रोका जाए।

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ट्रंप ने खारिज किए जज के आरोप

ट्रंप ने कोलंबिया जिला अदालत के जज अमित मेहता की रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे बकवास बताया और कहा कि वह इसके खिलाफ उच्च अदालत में अपील करेंगे। मीडिया से बात करते हुए अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा , “यह ओबामा द्वारा नियुक्त किए एक जज का पक्षपातपूर्ण और पूर्वाग्रह से प्रभावित आदेश है।” आपको बता दें वाइटहाउस के वकील इस मामले में ट्रंप को बचाने की कोशिश लंबे समय से कर रहे हैं। ट्रंप ने अटॉर्नी मैकघन को कांग्रेस कमेटी के सामने इससे जुड़े दस्तावेज पेश न करने की हिदायत दी है। उधर डेमोक्रेट्स ने भी इस मामले पर ट्रंप को घेरने का मन बनाया है। डेमाक्रेट्स की कोशिश है कि वे इस मामले में ट्रंप को 2020 चुनाव के पहले ही घेर लें।

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क्या है मामला

वाशिंगटन डीसी अदालत के जज मेहता ने ट्रंप के वकीलों की इस दलील को खारिज कर दिया कि अमरीकी कांग्रेस को इस तरह के दस्तावेजों को मंगाने का कोई अधिकार नहीं है। वकीलों ने यह भी दलील दी थी कि कांग्रेस के इस तरह के आरोपों में कोई भी दम नहीं है। लेकिन जज ने ये दलील खारिज कर दी। अपने फैसले में जज मेहता ने कहा, ” यह सब कुछ इतना आसान नहीं है। अमरीकी संविधान कांग्रेस को यह अधिकार देता है कि वह राष्ट्रपति के किसी अपराध में शामिल होने पर उनको अपने पद से हटा सकती है। राष्ट्रपति के पूर्व में किए गए कार्यो के लिए भी वर्तमान में उनको उत्तरदायी बनाया जा सकता है।” जज ने इस मामले में वाइट हाउस को अपील करने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है। ट्रंप पर आरोप है कि फर्जी कंपनियों के जरिए उन्होंने अपने व्यापारिक मुनाफे के रिकार्ड में फेरबदल किया। इस काम से उनके लाखों रुपये बच गए, जोकि अमरीकी सरकार को टैक्स के रूप में जाने चाहिए थे। यही नहीं, ट्रंप पर यह भी आरोप लगा रहा है कि टैक्स चोरी किए गए फंड का इस्तेमाल अमरीकी चुनाव में रूस की मदद हासिल करने के लिए भी किया गया।

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