‘फेयरनेस फॉर हाई स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट 2019’ पारित
अमरीकी प्रतिनिधि सभा में ग्रीन कार्ड जारी करने को लेकर देशों पर लगी सीमा को हटाने की मांग का प्रस्ताव रखा गया था। अमरीकी सांसदों ने ग्रीन कार्ड जारी करने पर मौजूदा सात फीसदी कंट्री-कैप को खत्म करने की मांग रखी थी। नए बिल के मुताबिक सात फीसदी की सीमा को 15 फीसद तक बढ़ाया जा सकता है। इस बिल के लिए हुए मतदान में 310 से ज्यादा सांसदों ने इस पर समर्थन दिया। ‘फेयरनेस फॉर हाई स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट 2019’ नाम के इस विधेयक को समर्थन मिलने की संभावना पहले से ही प्रबल थी।
अमरीकी कांग्रेस में ग्रीन कार्ड बिल पर मतदान आज, भारत को इस तरह होगा फायदा
बिल के लिए साथ आए डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन
इस विधेयक के पारित होने की सबसे खास बात यह रही है कि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन ने साथ आकर इस बिल को समर्थन दिया है। करीब 203 डेमोक्रेट्स ने इस बिल को समर्थन दिया तो वहीं, 108 रिपब्लिकन ने भी इसके पक्ष में वोट किया। आपको बता दें कि बिल के प्रस्तावकों ने एक त्वरित प्रक्रिया अपनाया जिसके तहत विधेयक को बिना सुनवाई और संशोधनों के पारित होने के लिए 290 मतों की जरूरत थी। मंगलवार को हुए मतदान में इस बिल को रिकॉर्ड समर्थन मिला। 435 सदस्यों वाले हाउस में बिल के पक्ष में 365 वोट जबकि विरोध में महज 65 वोट ही पड़े थे।
क्या है ग्रीन कार्ड और भारत को कैसे होगा फायदा
ग्रीन कार्ड अमरीका में स्थायी रूप से बसने और काम करने की अनुमति दिलाने वाले परमिट की तरह है। अभी तक हर साल सभी देशों को सात फीसदी ग्रीन कार्ड जारी करने की सीमा तय की गई थी। इस विधेयक के पारित होने के बाद अब यह लिमिट खत्म हो गई है। अब अमरीका में नौकरी के आधार पर मिलने वाली स्थायी नागरिकता दिए जाने संबंधी लिमिट समाप्त हो गई है। इस फैसले से सबसे अधिक फायदा भारत जैसे देशों को होगा। भारत से H-1 बी वर्क वीजा पर काम कर रहे हाई-टेक पेशेवरों को होगा, पहले ग्रीन कार्ड के लिए एक दशक से भी ज्यादा वक्त तक इंतजार करना होता था है। अब लिमिट समाप्त होने पर यह इंतजार कम हो जाएगा।
गौरतलब है कि अभी तक एक साल में अधिकतर 1,40,000 ग्रीन कार्ड ही जारी किए जाते हैं। साथ ही किसी भी एक देश से 9,800 नागरिकों से अधिक लोगों को एक साल में स्थायी नागरिकता नहीं दी सकती थी।