इजराइल से उसकी पुरानी दुश्मनी है जो बार-बार सामने आ ही जाती है। बीते कई सालों से इजराइल और फिलिस्तीन के बीच गाजा पट्टी को लेकर हमले किए गए। गाजा पट्टी पर मौजूद आतंकी संगठन हमास जिसे फिलिस्तीन का समर्थन है, अकसर इस लड़ाई का कारण बनता है। इस तनाव के कारण फलस्तीन का विकास रुका हुआ जा है।
अमरीका का कहना है कि फिलिस्तीन की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए और उसे पड़ोसी अरब मुल्कों से रेल और सड़क माध्यम से जोड़ना जरूरी है। इसके लिए एक ग्लोबल इंवेस्टमेन्ट फंड की आवश्यकता है। वाइट हाउस ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए लिखा है कि फिलिस्तीन में कई पीढ़ियों ने मुश्किल परिस्थितियों में अपना जीवन यापन किया है। लेकिन अब इसका अगला अध्याय आज़ादी और सम्मान का होगा।
वाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार जेरेड कुशनर बहरीन के मनामा में जून 25 और 26 को इसे लेकर प्रस्ताव रखने वाले हैं। एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में योजना की पूरी रूपरेखा पेश करेंगे। जेरेड कुशनर का कहना है कि अगर इसे आगे बढ़ाया जाए तो ये “सदी में एक बार मिलने वाला अवसर” साबित होगा। गौरतलब है कि अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिलिस्तीन के बजार को भुनाना चाहते हैं। यहां युद्ध की वजह से लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। ऐसे में उनके दामाद कुशर जो की एक बिजनेसमैन उनके लिए यह बेहतरीन अवसर होगा।
2017 में राष्ट्रपति ट्रंप ने इजराइल की राजधानी के रूप में यरूशलम को मान्यता दे दी थी। इसके बाद से फिलिस्तीन और अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच वार्ता बंद हो चुकी है।फिलिस्तीन का कहना है कि वो एक स्वतंत्र देश है और पूर्वी येरूशलम उसकी राजधानी है।