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लोगों के जूते पॉलिश करते हैं कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता, पीएल पुनिया पर लगाए यह आरोप

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संतोष कुमार ने कांग्रेस नेता पीएल पुनिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं

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santosh kumar chamar

लोगों के जूते पॉलिश करते हैं कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता, पीएल पुनिया पर लगाए यह आरोप

अमेठी. कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संतोष कुमार ने कांग्रेस नेता पीएल पुनिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संतोष कुमार नाम दिल्ली आईआईटी से बीटेक हैं और अब वे जूता पॉलिश की दुकान चलाते हैं। संतोष कुमार ने कांग्रेस नेता और राहुल के प्रतिनिधि पर सर्विस और राजनीतिक करियर पूर्ण रूप से बर्बाद करने का आरोप लगाया है। यही नहीं बल्कि उन्होंने स्वयं को रोहित बेमुला बनने के कगार पर पहुंचा हुआ भी बताया है।

संतोष कुमार ने बताया कि वो आईआईटी दिल्ली से बीटेक हैं, एक कम्पनी में जाब करते थे। जब उनके साथ जातीगत आधार पर भेदभाव हुआ था तो इसकी शिकायत वे बसपा सुप्रीमो मायावती से करने पहुंचे थे लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पायी थी। इसके बाद वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पास गए। राहुल ने उनकी समस्या को बड़ी आत्मीयता के साथ सुना और मदद करने का आश्वासन भी दिया। साथ ही राहुल ने उन्हें राजनीति में आने के बारे में भी पूछा। कुछ समय बाद संतोष कुमार ने कांग्रेस ज्वाइन कर राजनीति में एंट्री ली। संतोष ने बताया कि वे लोगों के बीच में रहकर के सामाजिक जीवन जीना चाहता हैं। राहुल गांधी उनके काम से प्रभावित हुए और 21 मार्च, 2012 के दिन उन्होंने प्रियंका गांधी से संतोष की मुलाकात कराई।

इस तरह राजनीति से कटी उनकी जड़ें

संतोष ने ये भी बताया कि इस मुलाकात के बाद से कनिष्क (राहुल गांधी के प्रतिनिधि) ने राहुल गांधी से उनका मिलवाना बंद कर दिया था। दूसरी तरफ पीएल पुनिया को इस बात का डर था कि कहीं संतोष उनसे बड़े नेता न बन जाएं। किसी भी कार्यक्रम में संतोष कुमार के भाषण को एप्रीशिएट किया जाता था। 8 अक्टूबर, 2013 में विज्ञान भवन में पूरे देश के दलित नेता बैठे हुए थे। एमपी-एमएलए और मिनिस्टर पीएल पुनिया ने वो प्रोग्राम कराया था। राहुल गांधी ने उसमें सवाल एसके ब्लास्टी के बारे में सवाल किया था। इसका जवाब संतोष कुमार ने दिया था, जिससे कि पीएल पुनिया चिढ़ गए थे। संतोष ने बताया कि उन्हें वहां से निकवा दिया गया था। इस क्षण के बाद से संतोष की राजनीतिक जड़ें भी कट गयी थीं। 16 लाख रूपए उस समय उनके ऊपर कर्ज़ था। संतोष ने कहा कि आज वो जमाना नहीं है कि दलितों को मनुवादीयों से दिक्कत थी। आज आरक्षण का फायदा लेकर जो अम्बेडकर वादी और मनुवादी लोग बन गए हैं यानी जो दलित स्वर्ण बन गए हैं।

संतोष के हैं तीन बच्चे

संतोष का कहना है कि उनकी राजनीति कराना या नौकरी की मांग करने जैसी कोई चाहता नहीं है। वे बस ये कहना चाहते हैं कि जो उनके साथ हुआ वो किसी और के साथ न हो। संतोष ने कहा कि वे आत्महत्या करने वाले थे लेकिन तब लोग उनके पास आते और कहते कि स्वस्थ कम्पटीशन करो। संतोष ने ये भी कहा कि अगर राजनीति में आगे बढ़ना है, तो अपने दम पर आगे बढ़ो। किसी की जड़ें काट कर आगे नहीं बढ़ना चाहिए। उनके तीन बच्चे हैं लेकिन वे (संतोष) रोड पर आ चुके हैं।