एमबीसी गल्र्स कॉलेज में 1200 छात्राएं अध्ययनरत हैं। यहां पर तीन संकाय हैं। इसमें यहां तीन वर्षों से इतिहास पढ़ाने वाला कोई नहीं है। यही हालात समाज शास्त्र व अंग्रेजी की है। दो और व्याख्याताओं का स्थानांतरण को दस दिन बीतने के बावजूद नियमित कक्षाएं नहीं लग पा रही हैं।
लगातार आंदोलन, फिर भी समाधान नहीं गल्र्स कॉलेज में व्याख्याता लगाने की मांग को लेकर छात्राएं लगातार आंदोलन कर रही थीं। छात्राओं ने प्रदेश की मुख्यमंत्री व अन्य कई मंत्रियों व जिले के जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा बताते हुए कई बार आंदोलन भी किए लेकिन समाधान आज तक नहीं हो पाया हैं। इससे छात्राएं आहत होकर अब अपने भविष्य की चिंता कर रही हैं।
हर बार मिलता है झूठा दिलासा इस सत्र में छात्राओं ने व्याख्याता लगाने की मांग को लेकर कॉलेज में तालाबंदी की। जिला प्रभारी सचिव व मंत्री को घेरा। हर बार आश्वासन ही मिला, लेकिन व्याख्याता नहीं लगे। छात्राओं ने प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया था। तब जिला प्रशासन के अधिकारियों ने 20 अक्टूबर तक का आश्वासन दिया था लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हो पाया है।
नहीं लग रही कक्षाएं सिर्फ कॉमर्स की एक कक्षा लग रही है। अन्य सभी संकाय की कक्षाएं नियमित नहीं लग रही हैं। इससे छात्राएं परेशान हैं। सरकार बालिका शिक्षा को लेकर अन्याय कर रही है।
मूली चौधरी, छात्रसंघ अध्यक्ष