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भड़क उठी थी डेढ़ दशक पुरानी वर्चस्व की आग, एक युवक की मौत, पुलिस-प्रशासन ने किया कंट्रोल

एडीजी अभय कुमार प्रसाद ने कहा की आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की जाएगी...

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One killed and many injured in Amethi clash latest UP hindi news

भड़क उठी डेढ़ दशक पुरानी वर्चस्व की आग, एक युवक की मौत, पुलिस-प्रशासन ने किया कंट्रोल

अमेठी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी का जगदीशपुर एरिया डेढ़ दशक से धधक रही वर्चस्व की आग में मंगलवार को एक बार फिर सुलग उठा। यहां हुई गैंगवार में जहां एक युवक गोलियों से छलनी होकर मौत के मुंह में जा पहुंचा। वहीं दूसरी ओर हमला करने पहुंचे भाड़े के शूटर भी गोलियों का निशाना बने। इस वारदात के बाद स्थिति तनावपूर्ण हुई तो पुलिस-प्रशासन ने उसे कंट्रोल किया। इस बीच लखनऊ से यहां पहुंचे एडीजी अभय कुमार प्रसाद ने कहा की आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की जाएगी।

झोंका ताबड़तोड़ फायरिंग

आपको बता दें कि जगदीशपुर थाना क्षेत्र के बड़ागांव निवासी अशफाक मंगलवार को कस्बे के विजया बैंक के पास पहुंचे ही थे कि 4 बाइक सवार शूटरों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग झोंक दिया। जवाब में अशफाक ने भी फायर किया, लेकिन गोलियों से छलनी होने के चलते वह मोर्चा नहीं ले सका और वहीं ढेर हो गया। इस दौरान लोगों ने दौड़ाकर दो शूटरों को पकड़ लिया, जबकि मौके का फायदा उठाकर अन्य शूटर भाग निकले।

इलाके में हड़कंप

वारदात के बाद एक तरफ जहां इलाके में हड़कंप मच गया, वहीं लोगों में वारदात को लेकर आक्रोश भी उभर गया। आनन फानन में हजारों की संख्या में लोगों ने सीएचसी को घेर लिया। भीड़ इस बात की डिमांड कर रही थी कि पुलिस कस्टडी में जिन शूटरों का इलाज चल रहा उसे जनता के हवाले किया जाए। वहीं लोगों का ये गुस्सा थाने के एसओ के खिलाफ भी था। अशफाक की मौत के बाद मौके पर हालात को काबू करने के लिए पूरे जिले की फोर्स तैनात कर दी गई है। ऐसे आलम में अधिकारी भीड़ के आगे नतमस्तक दिखे और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील करते रहे।

पुराने मामले में हुई बड़ी वारदात

दरअसल मंगलवार को भड़की ये आग जिसने बड़ी वारदात का रूप ले लिया। इसकी बुनियाद साल 2000 में इजरत रसूल हत्याकांड में पड़ी थी। साल 2000 में बाहुबली प्रमुख राजेश विक्रम सिंह और राकेश विक्रम सिंह बनाम मज्जू के बीच वर्चस्व की लड़ाई में पहले इजरत रसूल और आज अशफाक की हत्या हो गई है। आपको बता दें कि एक वर्ष पूर्व मज्जू गैंग ने ब्लॉक प्रमुख के काफिले पर घर से निकलते समय हमला किया था। जिसमें राजेश विक्रम सिंह और राकेश विक्रम सिंह बाल-बाल बच गये थे। यहां ये भी बता दें कि मृतक अशफाक इस जान लेवा हमले का मुख्य आरोपी था।

बाहरी लोगों को बुलाकर हुई वारदात

काफी बड़ा और सेंसटिव प्रकरण होने के नाते एडीजी अरुण कुमार प्रसाद मौके पर पहुंचे। स्थित का जायजा लेने के बाद उन्होंंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मामला वर्चस्व और चुनावी रंजिश का प्रतीत हो रहा है। उन्होंंने बताया कि बाहरी लोगों को बुलाकर वारदात को अंजाम दिलाया गया है। 2 घायल पुलिस हिरासत में हैं जिनमें एक व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी है। मामले में एफआईआर दर्ज होगी। उन्होंंने बताया कि दिनदहाड़े हुई इस वारदात में एनएसए की कार्यवाई की जाएगी।