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Rahul Gandhi Disqualified: राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म, मां सोनिया ने अपनी सीट देकर पहली बार बनाया था MP

Rahul Gandhi Disqualified: राहुल गांधी 2019 में वायनाड से जीते थे लेकिन उससे पहले की सारी राजनीति उन्होंने यूपी में ही की।

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Rahul Gandhi Disqualified

राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के साथ

राहुल गांधी को मानहानि मामले में 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। राहुल गांधी इस वक्त वायनाड से MP थे लेकिन उनकी राजनीति ज्यादातर उत्तर प्रदेश में ही रही है। पहली बार उनको मां सोनिया ने अपनी सीट देकर चुनाव लड़ाया था।


2004 में यूपी के अमेठी से बने थे सांसद
पूर्व पीएम राजीव गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ दिन तक बिजनेस कर रहे थे। 2004 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और अमेठी से सांसद चुने गए।

उत्तर प्रदेश की अमेठी गांधी परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती रही है। 1999 में सोनिया गांधी ने अमेठी से जीत हासिल की थी। 2004 में राहुल ने चुनाव लड़ने का फैसला किया तो सोनिया ने बेटे के लिए ये सीट छोड़ दी। राहुल अमेठी से लड़े और आसानी से चुनाव जीतकर सांसद बने।

राहुल गांधी 2004 के बाद 2009 और 2014 में भी अमेठी से जीते और सांसद बने। 2019 में राहुल अमेठी के साथ-साथ वायनाड से भी लड़े। अमेठी से वो भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए लेकिन वायनाड से बड़ी जीत हासिल की। सदस्यता खत्म किए जाने के बाद 19 साल में पहली बार ऐसा होगा जब राहुल सांसद नहीं होंगे।

राहुल गांधी 3 बार उत्तर प्रदेश के अमेठी से तो 1 बार केरल के वायनाड से सांसद रहे हैं। IMAGE CREDIT:


मंत्री से प्रधानमंत्री बनने तक की रही चर्चा
2009 में जब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार लौटी तो राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा थी कि राहुल को बड़ा पद मिलेगा। राहुल के मंत्री बनने की चर्चा रही तो कई बार उनके पीएम बनाए जाने तक के कयास भी खूब लगाए गए। हालांकि उन्होंने मंत्रीपद कभी नहीं लिया।

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कांग्रेस अध्यक्ष रहे, पद छोड़ा तो किसी की नहीं मानी
राहुल गांधी कांग्रेस संगठन में भी तमाम बड़े पदों पर रहे हैं। 2007 में राहुल को कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद उनको उपाध्यक्ष और फिर कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी गई। 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने राहुल की अध्यक्षता में ही लड़ा। चुनाव में हार के बाद राहुल ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उनको पद पर रहने के लिए कई पार्टी नेताओं ने मनाया लेकिन उन्होंने पद लेने से इनकार कर दिया।

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राहुल गांधी का राजनीति में आने से पहले बिजनेस
राहुल गांधी पढ़ाई करने के बाद कुछ समय बिजनेस भी कर चुके हैं। राहुल इन्वेस्टर के तौर पर काम करने के अलावा, कंपनी बैकऑप्‍स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से भी जुड़े रहे है। कंपनी में राहुल की हिस्सेदारी 83 प्रतिशत थी। जो उन्होंने साल 2010 में बहन प्रियंका के नाम कर दी थी।