Jaipur Discom: जयपुर। डिस्कॉम की सबसे संवेदनशील और विश्वसनीय मानी जाने वाली क्वालिटी टेस्टिंग लैब (सीटीएल) में मिलीभगत का गंभीर मामला सामने आया है। डिस्कॉम की ‘स्टैंडर्ड’ मुहर लगाकर फील्ड में घटिया और सब-स्टैंडर्ड ट्रांसफार्मर बेच दिए गए।
Jaipur Discom: जयपुर। डिस्कॉम की सबसे संवेदनशील और विश्वसनीय मानी जाने वाली क्वालिटी टेस्टिंग लैब (सीटीएल) में मिलीभगत का गंभीर मामला सामने आया है। डिस्कॉम की ‘स्टैंडर्ड’ मुहर लगाकर फील्ड में घटिया और सब-स्टैंडर्ड ट्रांसफार्मर बेच दिए गए। ऊर्जा महकमे में हाईलेवल पर पहुंची शिकायत के बाद कराई गई जांच में खुलासा होने पर हड़कंप मच गया है।
जांच में सामने आया कि ट्रांसफार्मर निर्माता कंपनी विनीत पावर की ओर से सप्लाई किए गए ट्रांसफार्मरों की सीटीएल लैब में जांच कराई गई थी। जो ट्रांसफार्मर तय मापदंडों पर खरे उतरे, उन्हें स्टैंडर्ड घोषित कर उनकी सील लगाई गई, लेकिन बाद में उन्हीं स्टैंडर्ड ट्रांसफार्मरों की सील हटाकर दूसरे सब-स्टैंडर्ड और घटिया ट्रांसफार्मरों पर लगा दी गई। इसके बाद इन ट्रांसफार्मरों को डिस्कॉम स्टैंडर्ड बताकर बेच दिया गया।
राजधानी जयपुर में दो अलग-अलग स्थानों पर लगे प्राइवेट ट्रांसफार्मरों की जांच में यह गड़बड़ी सामने आई। इसके बाद जब सीटीएल लैब से पड़ताल कराई गई, तो वहां से करीब 400 सील गायब मिलीं। इससे पूरे मामले में अंदरूनी मिलीभगत की आशंका और मजबूत हो गई है।
डिस्कॉम प्रबंधन ने मामले को गंभीर मानते हुए अब पुलिस में आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही प्रकरण में प्रथमदृष्टया लिप्त पाए गए बिजली अभियंताओं और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि सील की हेराफेरी किस स्तर तक और किन-किन लोगों की मिलीभगत से की गई।
शिकायत के संबंध में जांच करवाई है, दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।
आर. के. शर्मा, निदेशक तकनीकी, जयपुर डिस्कॉम