-4 करोड़ की लागत, पानी के दबाव की स्थिति का पल- पल का चलेगा पता
अहमदाबाद महानगरपालिका के कमांड एवं कंट्रोल रूम में से ड्रेनेज और स्टॉर्म वॉटर लाइन समस्याओं की जानकारी के लिए अब डिजिटल मैपिंग का उपयोग होगा। इसके लिए पांच वर्ष का खर्च लगभग चार करोड़ रुपए आएगा।शहर में बुधवार को हुई जोरदार बारिश के दूसरे दिन महानगरपालिका की स्थायी समिति के अध्यक्ष देवांग दाणी ने इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शहर में लगभग 3500 किलोमीटर लंबी सीवरेज लाइन है। 980 किलोमीटर लंबी स्टॉर्म वॉटर लाइन है। इन लाइनों में पानी के प्रेशर व अन्य समस्याओं की जानकारी के लिए इन्हें मनपा के कमांड एंड कंट्रोल रूम से डिजिटल मैपिंग के जरिए जोड़ा जाएगा। इस तकनीक से बिना मेटल डिटेक्टर के संबंधित समस्याओं का पता लगाया जा सकेगा। पांच वर्ष तक के इस कार्य के लिए चार करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व क्षेत्र के वस्त्राल, ओढव, निकोल क्षेत्र में भरने वाले बारिश के पानी की समस्या का अंत जल्द होगा, क्योंकि इन क्षेत्रों में ट्रंक लाइन का काम तेजी से हो रहा है। कार्य होते ही समस्या का अंत हो जाएगा।
स्थायी समिति के चेयरमैन दाणी ने कहा कि बुधवार रात को बारिश के कारण जिन एएमटीएस बसों से सवारियों को उतारा गया था उनके चालक-परिचालकों के साथ, बस एजेंसियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि बारिश का पानी भरने के कारण अन्य वाहनों के साथ-साथ मनपा संचालित बसें भी फंस गईं थीं। मनपा को शिकायत मिली थी कि कई बसों में से चालक और परिचालकों ने पानी भरने के कारण सवारियों को बीच रास्ते में ही उतार दिया था।
शहर में बारिश का पानी भरने के 147 स्थल चिन्हित हैं। इन जगहों पर बारिश के पानी की निकासी के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। मनपा के अनुसार बुधवार को भी 72 जगहों पर पानी भरा था।