-होम्योपैथी दवा के केमिकल के व्यापार के नाम पर फसाया, नाइजीरियन गिरोह से लिप्तता उजागर
Ahmedabad. शहर के मणिनगर इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति को होम्योपैथी दवा के लिए जरूरी केमिकल के व्यापार के नाम पर विश्वास में लेकर ऑनलाइन 32.72 लाख रुपए की चपत लगाने का मामला सामने आया है। अहमदाबाद शहर साइबर क्राइम ब्रांच ने जामनगर जिले से पांचों आरोपियों को पकड़ा है। इनके बैंक खातों में ठगी की राशि जमा हुई थी।
पकड़े गए आरोपियों में जामनगर ढींचडा दिवेलिया चाली बेडी निवासी असगर पठान (43), जामनगर जाम जोधपुर तहसील के मोटी गोप निवासी अभिषेक जोशी (26), जामनगर बेडी बंदर रोड निवासी दीप गोस्वामी (25), जामनगर यादवनगर निवासी नितिन भाटिया, जामनगर यादवनगर के पास रहने वाला प्रविण नंदाणिया (30) शामिल हैं।
अहमदाबाद शहर साइबर क्राइम ब्रांच के अनुसार अफ्रीकी कंपनी प्रतिनिधि बनकर आरोपियों ने कुछ समय पहले निहार वर्मा से ऑनलाइन संपर्क किया। कहा कि वे अफ्रीका में मलेरिया, डेंगू की होम्योपैथिक दवा के लिए जरूरी केमिकल के नए इंडियन सप्लायर की शोध में हैं। इसे भारतीय कंपनी शर्मा एंटरप्राइज मैन्युफैक्चरिंग बनाती है। मौजूदा वेंडर उन्हें 12 हजार डॉलर में बेचता है। वो कंपनी से 6500 डॉलर में केमिकल खरीद कर उन्हें 11 हजार डॉलर बेचकर लाभ कमा सकते हैं। पहले एक लीटर केमिकल खरीदकर दिल्ली स्थित लैब में मंजूर करानी होगी। बातों में आए निहार ने कंपनी के सेल्समैन जयदेव से 5.52 लाख देकर एक लीटर केमिकल को पार्सल से मंगाया। इसे लेकर वे दिल्ली गए जहां अफ्रीकी लैब साइंटिस्ट मोशिन मुरे ने उसे मंजूर किया। उन्हें ईमेल से दवा के लिए जरूरी केमिकल खरीदने का ऑर्डर देते हुए 25 फीसदी राशि यानि 27 लाख जमा करा लिए।
आरोपियों ने निहार से कहा कि वह राजस्थान के भीलवाडा शहर में जाकर शर्मा एंटरप्राइज मैन्युफैक्चरिंग से केमिकल ले सकते हैं। वहां पहुंचने पर उन्हें ऐसी कोई कंपनी नहीं मिली, जिससे ठगा महसूस होने पर उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई।
पकड़े आरोपियों में मुख्य आरोपी दीप गोस्वामी है। ये नाइजीरियन गिरोह से सीधे संपर्क में है। निहार से ठगे गए 32.72 लाख में से 27.20 लाख नितिन भाटिया के खाते में जमा हुए थे। जिसे नितिन व प्रविण ने निकालकर दीप गोस्वामी को दिए। असगर पठान के खाते में 9.90 लाख जमा हुए थे। उसने साथी अभिषेक के साथ मिलकर पैसे निकाले और दीप को दे दिए। दीप गोस्वामी इन्हें 7 से 10 फीसदी कमीशन देता था। आरोपियों के खातों में दो करोड़ की राशि जमा होने का खुलासा हुआ है।