अहमदाबाद

चंद्रमा पर भारतीय के कदम रखने तक जारी रहेगा चंद्रयान मिशनः डॉ.एस.सोमनाथ

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ.एस.सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान मिशन के बारे में कई अहम जानकारी दी। वे अहमदाबाद में इनस्पेस के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे।

2 min read

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ.एस.सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान मिशन की श्रृंखला तब तक जारी रहेगी, जब तक कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर कदम नहीं रख लेता। उन्होंने यह बात बुधवार को अहमदाबाद में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इनस्पेस) और एस्ट्रोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (एएसआई) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इनस्पेस केनसेट इंडिया स्टूडेंट कॉम्पिटीशन के पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कही। स्पर्धा में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की टीम ने पहला स्थान प्राप्त किया। निरमा यूनिवर्सिटी की टीम ने दूसरा और भारत इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजूकेशन एंड रिसर्च टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

चंद्रयान 3 ने किया था अच्छा प्रदर्शन

इसरो अध्यक्ष ने कहा कि ,चंद्रयान 3 ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। उससे भेजे जा रहे डेटा को एकत्र कर उसका वैज्ञानिक प्रकाशन का काम भी शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि हम (इसरो) चंद्रयान मिशन श्रृंखला को तब तक जारी रखना चाहते हैं जब तक कोई भारतीय चंद्रमा पर नहीं उतर जाता। उससे पहले हमें कई तकनीकों में महारथ हासिल करनी होगी, जैसे वहां सुरक्षित जाना और सुरक्षित वापस आना। अगले मिशन इसी दिशा में किए जा रहे हैं।

गगनयान के लिए कई क्षेत्र में बढ़ा रहे हैं महारथ

भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के बारे में डॉ.एस. सोमनाथ ने कहा कि इस साल इससे जुड़े चार अहम मिशन पर काम हो रहा है, जिसमें एक मानव रहित मिशन, दूसरा है परीक्षण वाहन उड़ान मिशन और अन्य है एयरड्रॉप परीक्षण मिशन। एयरड्रॉप परीक्षण भी जल्द होगा, फिर अगले साल या दो साल तक मानव रहित मिशन होंगे, सब कुछ ठीक रहा तो फिर मानव मिशन पर आगे बढ़ा जाएगा। रॉकेट इंजनों के लिए इसरो के नव विकसित कार्बन-कार्बन (सी-सी) नोजल पर उन्होंने कहा कि यह काफी हल्का है, जिससे पेलोड क्षमता में वृद्धि होगी। इसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान यानि पीएसएलवी में स्थापित किया जाएगा। यह उच्च तापमान में भी बेहतर काम करेगा।

...ताकि अंतरिक्ष हो प्रदूषण मुक्त

उन्होंने हाल ही में घोषित किए स्वच्छ अंतरिक्ष अभियान के बारे में कहा कि जैसे हम पृथ्वी पर प्रदूषण ना हो उसकी चिंता कर रहे हैं, उसी प्रकार से हमें अब अंतरिक्ष में भी अनचाहे सेटेलाइट ना हो, वहां प्रदूषण ना फैले उसकी चिंता करनी चाहिए। निजी कंपनियां भी सेटेलाइट लॉन्च कर रही हैं। ऐसे में हमें जरूरत है कि हम ऐसी तकनीक व योग्यता विकसित करें कि प्रक्षेपित सेटेलाइट का उद्देश्य व उपयोग पूर्ण होने के बाद उसे सुरक्षित तरीके से वापस लाया जाए। 2030 तक हम प्रदूषण रहित अंतरिक्ष की कल्पना कर रहे हैं।

Updated on:
17 Apr 2024 09:34 pm
Published on:
17 Apr 2024 09:19 pm
Also Read
View All

अगली खबर