अहमदाबाद

आदमी को असंयम की दिशा में नहीं ले जाना चाहिए अपना मन : आचार्य महाश्रमण

पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने प्राप्त किया आशीर्वाद गांधीनगर. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान आचार्य महाश्रमण ने शनिवार को नवरात्रि के दौरान प्रवचन से पहले मंत्रोच्चार का जप करवाया। मुख्य प्रवचन कार्यक्रम के दौरान पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया सपरिवार आचार्य के सानिध्य में पहुंचे। उन्होंने आचार्य से आशीर्वाद प्राप्त किया।कोबा िस्थत प्रेक्षा […]

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आचार्य महाश्रमण से आशीर्वाद प्राप्त करते पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया।

पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने प्राप्त किया आशीर्वाद

गांधीनगर. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान आचार्य महाश्रमण ने शनिवार को नवरात्रि के दौरान प्रवचन से पहले मंत्रोच्चार का जप करवाया। मुख्य प्रवचन कार्यक्रम के दौरान पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया सपरिवार आचार्य के सानिध्य में पहुंचे। उन्होंने आचार्य से आशीर्वाद प्राप्त किया।
कोबा िस्थत प्रेक्षा विश्व भारती में वीर भिक्षु समवसरण में आचार्य ने आयारो आगम के माध्यम से पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि हमारे जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ में 32 आगम मान्य हैं। उनमें भी ग्यारह अंगों में सबसे पहला आगम ‘आचारांग’ है। इस आयारो में कहा गया है कि आदमी को अपने मन को असंयम में नहीं ले जाना चाहिए। मन को सर्वाधिक गतिशील कहा गया है। प्रेक्षाध्यान से मन की चंचलता को कम करने और मन को राग-द्वेष के भाव से मुक्त रखने का अभ्यास करना चाहिए, साधना करनी चाहिए।

जीवन के लिए प्रभावशाली है आपकी अमृतवाणी : कटारिया

पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने आचार्य से आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद कहा कि आपकी साधना और तपस्या के बाद निकलने वाली अमृतवाणी बहुत ही प्रभावशाली होती है और दिल को छूती है। मैं आपसे ऐसा आशीर्वाद मांगता हूं कि मैं राजनीतिक के रास्ते पर हूं, लेकिन मरते दम तक आपके श्रावक के रूप में अपने धर्म का पालन करता रहूं। विनयमुनि का आग्रह है कि आपका एक चातुर्मास चंडीगढ़ में भी हो।

9वां डॉॅक्टर सम्मेलन

इस अवसर पर तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम की ओर से 9वें डॉक्टर सम्मेलन का आयोजन किया गया। डॉ. धीरज मरोठी, डॉ. चेतन, डॉ. अनिल जैन ने विचार व्यक्त किए।

भाजपा सांसद सिरोया लिया आशीर्वाद

कर्नाटक से भाजपा के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने भी शुक्रवार को आचार्य महाश्रमण से आशीर्वाद लिया। उन्होंने आचार्य महाश्रमण के आध्यात्मिक सिद्धांतों को उनके व्यक्तिगत जीवन और सार्वजनिक सेवा दोनों में सबसे बड़ी शक्ति बताया। सिरोया ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं, हमेशा याद दिलाता हूं कि अपने काम और जीवन में मैं अपने जैन धर्म के मार्ग पर चलता हूं। यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि मैं जो कुछ भी करता हूं, उसमें इस संगठन का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ है। ये पल मेरे लिए शब्दों से परे हैं और मैं इन्हें जीवन भर के आशीर्वाद के रूप में अपने साथ रखूंगा।

Published on:
27 Sept 2025 10:11 pm
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