अजमेर

Rajasthan : एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी किशनगढ़ पर हुआ ग्रेनाइट का कब्जा, जानें क्या है बड़ी वजह

Rajasthan : एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी के नाम से मशहूर किशनगढ़ में मार्बल का रुतबा कम होने लगा है। वहीं अब किशनगढ़ में ग्रेनाइट की मांग बढ़ गई है। जानें क्या वजह है।

2 min read
ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

कालीचरण
Rajasthan :
एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी किशनगढ़ में अब मार्बल पर ग्रेनाइट भारी पड़ने लगा है। हालात यह है कि ग्रेनाइट पत्थर मार्बल के 80 प्रतिशत कारोबार पर कब्जा कर चुका है। हालांकि मार्बल की अपनी खासियत के चलते मंडी में इसकी मौजूदगी है। किशनगढ़ मार्बल मंडी में पिछले कुछ वर्षों में ग्रेनाइट की डिमांड दिनों-दिन बढ़ रही है। मार्बल मंडी में वर्तमान में प्रतिदिन 20 करोड़ के कारोबार में से 16 करोड़ का कारोबार ग्रेनाइट का है।

ये भी पढ़ें

जोधपुर में बन रहा है राजस्थान का दूसरा अक्षरधाम मंदिर, देश में और कहां-कहां हैं ये मंदिर

साल-दर-साल कारोबार

रोज 20 करोड़ का कारोबार में से 80 प्रतिशत ग्रेनाइट और 20 प्रतिशत मार्बल का कारोबार हो रहा है।

एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी। फोटो पत्रिका

मार्बल में इस कारण से हुई रूचि कम

1- जीएसटी जैसे उच्च करों के कारण लागत खर्च में बढ़ोतरी।
2- खदानों के बंद होने व अन्य कारणों से मार्बल का उत्पादन कम होना।
3- उत्पादन लागत में बढ़ोतरी एवं मार्केट में आपूर्ति कम होना।
4- ग्रेनाइट व टाइल्स जैसे विकल्प की उपलब्धता।

ग्रेनाइट कारोबार बढ़ने की वजह

1- प्राकृतिक सुंदरता एवं स्थायित्व।
2- मार्बल से सस्ती दरों में उपलब्ध।
3- 300 से अधिक कलर और वैरायटी।
4- रेडी टू यूज।

किशनगढ़ एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी। फोटो पत्रिका

ग्रेनाइट पत्थर की लागत कम

मार्बल की तुलना में ग्रेनाइट पत्थर की लागत कम आती है। ग्रेनाइट कई पैर्टन और कलर्स में उपलब्ध है और रेडी टू यूज है। लोगों का रुझान ग्रेनाइट पत्थर की तरफ अधिक है।
सुधीर जैन, अध्यक्ष, किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन

दोनों की कीमतों में फर्क

मार्बल - मार्बल पत्थर 70 से 130 रुपए वर्ग फीट या इससे भी अधिक कीमतों पर बिक्री होता है। मोटाई में 13 एमएम की थप्पी तैयार की जाती है।
ग्रेनाइट - ग्रेनाइट पत्थर 55 रुपए से 75 रुपए वर्ग फीट या इससे अधिक में बिक्री होता है। मोटाई में 16 एमएम की थप्पी तैयार की जाती है।

ये भी पढ़ें

राजस्थान में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट, हकीकत से करेगी रूबरू

Updated on:
21 Jul 2025 01:36 pm
Published on:
21 Jul 2025 10:23 am
Also Read
View All

अगली खबर