अजमेर(Ajmer News).लौंगिया मोहल्ला में बुधवार को मानव तस्करी विरोधी यूनिट व चाइल्ड हेल्प लाइन ने संयुक्त कार्रवाई करके एक बालश्रमिक को मुक्त कराया। पड़ताल में आया कि बालश्रमिक से 14-14 घंटे तक बंद कमरों में आरीतारी का काम करवाया जाता है। टीम को कार्रवाई के लिए लौंगिया क्षेत्र में खासी मशक्कत करनी पड़ी।
एएचटीयू के पुलिस उप अधीक्षक नेमीचन्द के नेतृत्व में पुलिस व चाइल्ड हेल्प लाइन समन्वयक वनिता पंवार ने लौंगिया मोहल्ला गली नम्बर 10 रमजान अली के घर में दबिश दी। दबिश के दौरान पुलिस को मकान के अन्दर दाखिल होने में काफी दिक्कत आई। मकान में काफी पीछे के हिस्से में एक 17 वर्षीय किशोर आरी-तारी का काम करते मिला।उसे दस्तयाब कर रमजान अली के खिलाफ प्रकरण किया। बाल श्रमिक ने खुद को पश्चिम बंगाल का रहना बताया लेकिन उसके पास से अजमेर का राशन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज मिले है।
बाहर से लाते हैं बाल श्रमिक
पत्रिका पड़ताल में आया कि लौंगिया क्षेत्र में आरी-तारी का लम्बे समय से काम होता आ रहा है। आरी-तारी के ठेकेदार बिहार व प.बंगाल से बाल श्रमिक सालाना ठेके पर लेकर आते हैं लेकिन पुलिस कार्रवाई के चलते अब चोरी-छुपे दरवाजों पर ताले लगाकर डबल गेट के मकान में भीतर के हिस्से में बाल श्रमिकों को रखते है। कार्रवाई होने पर बालश्रमिकों को आगे-पीछे के रास्ते निकाल दिया जाता है।