अजमेर

अजमेर : दिल्ली हाईकोर्ट ने ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में CCTV लगाने के दिए आदेश, मुख्य मजार कैमरे की नजर से होगी बाहर

दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में सीसीटीवी कैमरों को आवश्यक बताया है।

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Nov 07, 2025
ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह (फोटो-पत्रिका)

अजमेर। दिल्ली उच्च न्यायालय ने ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के मुख्य आस्ताना शरीफ में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के आदेश दिए हैं। याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने सीसीटीवी मुख्य मजार शरीफ को प्रदर्शित किए बिना लगाने के निर्देश दिए हैं।

दरगाह कमेटी के अधिवक्ता यादवेन्द्र जादौन ने बताया कि सैयद मेराज चिश्ती की ओर से प्रस्तुत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीसीटीवी कैमरे लगाने और दरगाह कमेटी की नियुक्ति संबंधी अन्य सभी बिन्दुओं को न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।

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हाईकोर्ट का आदेश

न्यायालय ने आदेश में कहा कि केंद्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के निर्देशों एवं सुरक्षा और निगरानी के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरे आवश्यक हैं। आस्ताना शरीफ में मुख्य मजार शरीफ को प्रदर्शित किए बिना कैमरे लगाए जाएं।

करें दरगाह कमेटी का गठन

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को दरगाह कमेटी के गठन के निर्देश भी जारी किए हैं। मालूम हो कि दरगाह कमेटी का कार्यकाल समाप्त हुए दो साल बीत चुके हैं। सरकार की ओर से कमेटी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित 9 सदस्यों की नियुक्ति होती है।

हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका

सिविल न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने 25 सितम्बर को दरगाह कमेटी को परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे। इसी विषय में सैयद मेराज चिश्ती ने दिल्ली उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता छाया सरकार के माध्यम से याचिका दायर की थी। इसमें केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, दरगाह के नाजिम कार्यालय को पक्षकार बनाया गया। केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता अमित तिवारी ने पक्ष रखा।

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Published on:
07 Nov 2025 07:07 pm
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