अजमेर

Green Field Expressway: ब्यावर से भरतपुर तक बनेगा 342 KM लंबा एक्सप्रेस-वे, जानिए क्या रहेगा नए राजमार्ग का रूट

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के तहत खास यह है कि इसके सभी रूट इंटरकनेक्ट होंगे। कम आबादी और खाली जमीनों के बीच हाइवे बनेगा।

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Feb 22, 2025
प्रतीकात्मक तस्वीर

ब्यावर। ब्यावर-गोमती फोरलेन प्रोजेक्ट करीब 95 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। अब तक आने वाले 2 साल में ब्यावर से भरतपुर तक एक्सप्रेस-वे का काम शुरू होने की उम्मीद है। पिछले बजट में राज्य सरकार की ओर से घोषित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण की कार्रवाई अब शुरू हुई है। ब्यावर से भरतपुर तक 342 किलोमीटर का एक्सप्रेस बनाने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को जिम्मेदारी की गई है।

इसी साल जनवरी में डीपीआर के लिए हरी झंडी मिलने के बाद सर्वे कार्य शुरू हो गया है। ब्यावर-गोमती हाइवे निर्माण कर रहे एनएचएआई को डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए 18 महीने का समय दिया गया है। ब्यावर से भरतपुर तक हाइवे निर्माण को सर्वे होगा और अनुमानित लागत के बाद बजट मिलेगा और सड़कों निर्माण की क्रियान्विति शुरू हो सकती है।

गौरतलब है कि पिछले साल राज्य के बजट में राजस्थान में नौ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण की घोषणा हुई। इनमें से ब्यावर से भरतपुर के लिए एक्सप्रेस-वे मिला। योजना की क्रियान्विति के लिए कार्य अब जाकर शुरू हुआ है। इस साल बजट में सड़कों को लेकर विशेष परियोजनाएं दी गई है। जिले में भी कई नए निर्माण कार्य शुरू होंगे। बजट में स्टेट हाइवे, बायपास रोड, फ्लाई ओवर, एलिवेटेड रोड, आरओबी, आरयूबी, ब्रिज निर्माण, सड़कों की मरम्मत व उन्नयन को लेकर कई विकास कार्य होंगे।

342 किमी का होगा एक्सप्रेस-वे

बजट में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने पर जोर दिया गया है। एनएच-58 से शुरू होकर भरतपुर के एनएच-21 तक 342 किलोमीटर नया हाईवे बनेगा। खास बात यह है कि नए राजमार्ग में ऐसे रूट शामिल किए जाएंगे, जहां अब तक कनेक्टिविटी नहीं है। कुल 9 एक्सप्रेस-हाईवे बनेंगे। करीब 2 हजार 756 किलोमीटर हाइवे बनेंगे। ब्यावर से भरतपुर जाने के लिए अभी 370 किलोमीटर की दूरी तय करने में 7-8 घंटे तक लग रहे हैं।

ऐसा होगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे मैदानों या खेतों के बीच से निकाला जाएगा। समतल जमीन और शहर से दूर होने के कारण भीड़ भी कम होती है। इसलिए एक्सप्रेस-वे को बनाना और फिर यहां उच्च गति पर वाहन संचालन आसान होता है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के तहत खास यह है कि इसके सभी रूट इंटरकनेक्ट होंगे। कम आबादी और खाली जमीनों के बीच हाइवे बनेगा। घुमाव भी कम होंगे ताकि गाड़ियों की स्पीड बनी रहे। इसके निर्माण से उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बताया जा रहा है कि पूरे मार्ग में निर्धारित कट के अलावा हाईवे पर कोई भी वाहन नहीं आ सकेगा।

फैक्ट फाइल

कुल लंबाई : 342 किमी

लागत : 14010 करोड़

जमीन अधिग्रहण : 3175 हैक्टेयर

रूट : गुलाबपुरा, केकड़ी, टोडारायसिंह, उनियारा, टोंक, निवाई, भरतपुर

9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे

●ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे : 342 किमी

●जयपुर-जोधपुर हाई स्पीड कोरिडोर : 350 किमी

●कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस वे : :181 किमी

●जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेस-वे: 193 किमी

●बीकानेर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे: 295 किमी

●जालौर-झालावाड़-हल्दीघाटी एक्सप्रेस-वे: 402 किमी

●अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेस-वे: 358 किमी

●जयपुर-फलौदी थार एक्सप्रेस-वे: 345 किमी

●श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे: 290 किमी

इनका कहना है…

ब्यावर-भरतपुर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की डीपीआर की जिम्मेदारी एनएचएआई को मिली है। करीब 18 महीनों में सर्वे का समय दिया गया है। ब्यावर में शुरुआत कहां से होगी फिलहाल कह नहीं सकते। ब्यावर-गोमती हाइवे का 95 प्रतिशत कार्य शुरू हो गया है।

राहुल कुमार, एईएन, एनएचएआई

Updated on:
04 Mar 2025 09:02 pm
Published on:
22 Feb 2025 06:15 pm
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