महेन्द्र त्रिवेदी राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्गों पर पशुओं के कारण आए दिन हादसे सामने आते हैं। अब एनएचएआई ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत अनूठी पहल करते हुए समस्या के समाधान में सकारात्मक कदम बढ़ाया है। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर अब बेसहारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल (कैटल होम) बनाए जाएंगे।
जहां पर हाइवे के आसपास के इलाकों में विचरण करने वाले पशुओं को रखा जाएगा, जिससे हाइवे पर पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद जगी है। वहीं यात्रियों की यात्रा सुगम होने के साथ ही पशुओं की सुरक्षा भी बढ़ेगी। परियोजना के तहत आश्रय स्थल का निर्माण क्षेत्र 0.21 से 2.29 हैक्टेयर तक होगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत एनएच-334बी के उत्तर प्रदेश/हरियाणा सीमा से रोहना खंड तक शामिल है।
जहां खरखौदा बाइपास के साथ निर्माण होगा। इसी तरह एनएच-148बी के भिवानी-हांसी खंड पर हांसी बाइपास, एनएच-21 के कीरतपुर-नेरचौक खंड तथा एनएच-112 पर जोधपुर रिंग रोड के डांगियावास से जाजीवाल खंड पर बेआसरा पशुओं के लिए आश्रय स्थल बनाए जाएंगे।
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प्राधिकरण की अनूठी पहल
नेशनल हाईवे पर पशुओं के कारण उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने में यह अनूठी पहल प्राधिकरण की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाती है। इससे न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ाकर यात्रियों की लिए सुरक्षित राष्ट्रीय राजमार्ग बनाना है, बल्कि पशुओं की देखभाल की मानवीय आवश्यकता को भी पूरा करती है।