अजमेर

Rajasthan: अब जाति,धर्म और अपमानजनक नाम से पुकारा तो रैगिंग का केस… जानें, कारण

कॉलेज-यूनिवर्सिटी में किसी विद्यार्थी को जाति, धर्म और अपमानजनक नामों से पुकारना अब महंगा पड़ेगा। यूजीसी ने सत्र 2025-26 से रैगिंग की नई गाइडलाइन जारी की है।

2 min read
Jun 21, 2025
रैंगिग को लेकर यूजीसी की नई गाइडलाइन, पत्रिका फोटो

Ajmer: कॉलेज-यूनिवर्सिटी में किसी विद्यार्थी को जाति, धर्म और अपमानजनक नामों से पुकारना अब महंगा पड़ेगा। यूजीसी ने सत्र 2025-26 से रैगिंग की नई गाइडलाइन जारी की है। यूजीसी ने साफ कहा है कि अब रैगिंग सिर्फ शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न तक सीमित नहीं होगी। जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र, रंग, जेंडर, जन्म स्थान अथवा आर्थिक पृष्ठभूमि पर की गई कोई भी टिप्पणी रैगिंग की श्रेणी में शामिल होगी।

यूजीसी ने सभी कॉलेज-यूनिवर्सिटी को एंटी-रैगिंग कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया है। यह कमेटी कैंपस में कैंटीन, हॉस्टल, शौचालय, बस स्टॉप और अन्य डार्क जोन का आकस्मिक निरीक्षण करेगी। इसके अलावा, उन स्थानों पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे, जहां अमूमन निगरानी नहीं होती है।

वेबसाइट पर देनी होगी सूचना

सभी संस्थानों को एंटी-रैगिंग कमेटी के सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल और लैंडलाइन की जानकारी देनी होगी। इसके अलावा नई गाइडलाइन भी डालनी होगी। यूजीसी विद्यार्थियों, परिजन और शिक्षकों को जागरूक करने के लिए शॉर्ट वीडियो भी अपलोड करेगा। इसमें एंटी-रैगिंग से जुड़े संदेश, शॉर्ट फिल्म शामिल होंगी। पूर्व में सिर्फ पोस्टर और वर्कशॉप के जरिए ही रैगिंग के प्रति जागरूक किया जाता था।

देना होगा शपथ पत्र

प्रवेश प्रक्रिया के दौरान विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से शपथ पत्र लिया जाएगा। इसमें विद्यार्थियों को लिखित रूप से यह वचन देगा कि वह किसी भी प्रकार की रैगिंग में शामिल नहीं होंगे। यह शपथ पत्र एक कानूनी दस्तावेज होगा।

इनका कहना है…

यूजीसी के निर्देशानुसार प्रोस्पेक्टस में रैगिंग से जुड़ी नई गाइड लाइन शामिल की है। वेबसाइट पर भी इसे अपलोड किया जाएगा। - प्रो. सुभाष चंद्र, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर, मदस यूनिवर्सिटी

Published on:
21 Jun 2025 09:02 am
Also Read
View All

अगली खबर