धोखाधड़ी : व्यापारी ने इस्तगासे से दर्ज कराया धोखाधड़ी का मुकदमा, रामगंज थाना पुलिस कर रही है पडताल
अजमेर. शहर के कथित कपड़ा व्यापारियों ने दूसरों की फर्म को अपना बताकर बिहार पटना के ऑनलाइन होलसेल साड़ी व्यापारी को लाखों रुपए की चपत लगा दी। आरोपियों ने अनुबंध के बाद ऑनलाइन ऑर्डर से माल उधार मंगवाते रहे। रकम लेने के लिए होलसेल व्यापारी अजमेर पहुंचा तो सच सामने आ गया। आरोपी रकम अदायगी में टालम-टोल करते रहे। अब पीडि़त ने कोर्ट में इस्तगासा दायर कर एक परिवार के 4 सदस्यों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया।
बिहार पटना दानापुर राउत सिटी के कृष्णानन्द ने रिपोर्ट दी कि वह ऑनलाइन होलसेल साडी व्यापारी है। उसे रामगंज यूआईटी कॉलोनी निवासी शांतिदेवी, दौतलराम, उनके पुत्र विपिन व नितिन ने उसके ऑनलाइन होलसेल साडी व्यापार की जानकारी हासिल करके सम्पर्क किया। उन्होंने खुदको बीकानेर स्वीट्स के सामने सांई बाबा क्लोथ व यूआईटी कॉलोनी स्थित शांति साडी के संचालक उससे माल खरीद का अनुबंध किया। आरोपियों ने 23 सितम्बर 023 को एक इकरारनामा लिखा। उसकी ओर से साडियों के सैम्पल भेजने पर उनकी ओर से स्वीकार करने पर वह उन्हें माल भेजेगा। जिसका वह नियत समय पर भुगतान करेंगे। इसके बाद आरोपियों के ऑर्डर पर वह श्रीनाथकार्गाे से माल भेजता रहा। आरोपी माल लेते रहे। उसकी रकम बकाया होती रही। अब तक उसकी फर्म से आरोपी 27 फरवरी 2024 तक 84 लाख 73 हजार 274 रुपए का मला ले चुके है। ऑनलाइन माल की सारी रकम बकाया है।
पीडि़तकृष्णानन्द ने बताया कि आरोपियों ने जब 11 जनवरी 2024 को वह अजमेर आया तो उससे ढाई लाख का माल मंगवाया। जिसका भुगतान अजमेर पहुंचने पर करने का वादा किया था लेकिन आरोपियों ने माल लेकर सिर्फ एक लाख का नकद भुगतान किया। बाकि डेढ़ लाख रुपए की उसे रसीद दे दी। उन्होंने उसे सारी रकम एक माह में अदा करने का विश्वास दिलाया लेकिन समय बीतने के बाद भी रकम अदा नहीं की गई।
पीडि़तकृष्णानन्द ने बताया कि वह अजमेर आया तो पता चला कि आरोपियों ने जो अपनी दो फर्मे बताई वो मौके पर नहीं है। उसको बाद में पता चला कि सांई बाबा वाली दुकान का मालिक रवि भाई है और युआईटी निवासी सन्नू का मकान है। यहां कोई दुकान नहीं है। उसको धोखे में रखकर माल हड़प लिया। उसकी ओर से भेजा माल शांति देवी ने प्राप्त किया है। श्रीनाथ कार्गो को भुगतान भी शांतिदेवी करती थी।
पीडि़तकृष्णानन्द ने बताया कि इकरारनामा और बिल वाउचर पर शांतिदेवी के हस्ताक्षर पाए गए। प्रकरण में आरोपियों ने अन्य की फर्म अपनी बताकर धोखाधडी और छल कपट से उधार माल हासिल कर को लाखों रुपए की रकम हड़प कर ली। वह उनको जब भी दुकान पर जाने की बात कहता तो आरोपी ग्राहकी व अधिक ज्यादा बताकर टाल देते थे।