Khair Bypoll 2024: अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट पर सपा ने चारू कैन को अपना प्रत्याशी बनाया है। चारू कैन एससी समुदाय से आती हैं। जबकि उनके पति जाट समुदाय से हैं। ऐसे में सपा की यह चाल भाजपा को झटका मानी जा रही है।
Khair By Election 2024: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट पर सपा ने जाट और एससी कार्ड खेलकर भाजपा को तगड़ा झटका दिया है। भाजपा ने खैर विधानसभा सीट पर सुरेंद्र सिंह दिलेर को टिकट दिया था। अब सपा ने उसके जवाब में चारू कैन को चुनावी मैदान में उतारा है। खैर विधानसभा सीट पर उपचुनाव 2024 के लिए 13 नवंबर को मतदान होना है। खैर विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। इसके साथ ही यहां रालोद का भी दबदबा है। भाजपा के सुरेंद्र सिंह का सियासत से पुराना रिश्ता है। सुरेंद्र सिंह के पिता हाथरस से सांसद रह चुके हैं। उनके दादा भी भारतीय जनता पार्टी से कई बार सांसद और विधायक रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट पर उपचुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी ने चारू कैन को अपना प्रत्याशी बनाया है। चारू कैन सियासी परिवार से तो ताल्लुक रखती हैं, लेकिन निजी तौर पर उनका सियासी कॅरिअर ज्यादा लंबा नहीं है। चारू कैन ने पहली बार राजनीति में एंट्री लेते हुए साल 2022 के विधानसभा चुनाव में खैर सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। चारू कैन रालोद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह उर्फ गुड्डू के बेटे कार्तिक की पत्नी हैं। कार्तिक जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुके हैं। फिलहाल चारू कैन हरियाणा के रोहतक से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं।
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा से राजनीति में एंट्री करने वाली चारू कैन ने कुछ दिन पहले ही बहुजन समाज पार्टी को अलविदा कहा। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी जॉइन की और खैर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया। राजनीति के जानकारों की मानें तो अखिलेश ने चारू कैन को चुनावी मैदान में उतारकर एक साथ महिला, जाट और एससी वोटबैंक पर निशाना साधा है। खैर विधानसभा सीट को जाटलैंड भी कहा जाता है। ऐसे में चारू कैन के सपा प्रत्याशी बनने से भाजपा को बड़ा झटका लगा है।
सपा के जाट कार्ड खेलने से अखिलेश यादव एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में सुर्खियां बने हैं। दरअसल, चारू कैन साल 2022 से बसपा की नेता थीं। इसके चलते बसपा के कोर वोटर्स में उनका अच्छा खासा दबदबा है। इसके साथ चारू कैन भी एससी समुदाय से हैं। जबकि उनके पति जाट समुदाय से हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि यहां समाजवादी पार्टी ने पूरी तरह चुनावी गणित का पासा पलट दिया है।
चारू कैन के ससुर तेजवीर सिंह रालोद से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। जबकि चारू के पति कार्तिक भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में जाट वोट पर इस परिवार का अच्छा खासा प्रभाव है। चूंकि चारू कैन एससी समुदाय से हैं। इसलिए एससी वोटबैंक में सेंध लगाकर बसपा को भी सपा ने झटका देने की तैयारी की है।
चारू कैन की ससुराल मूलरूप से अलीगढ़ जिले क्वार्सी क्षेत्र के सुखरावली की है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा, बसपा समेत रालोद के वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए अखिलेश यादव ने सही चाल चली है। हालांकि यह कितना सच होगा, यह तो चुनाव परिणाम ही बताएगा, लेकिन चारू को एससी, जाट और सपा के वोटर्स का साथ मिलने की संभावना ज्यादा प्रबल है। साल 2022 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरी चारू कैन दूसरे नंबर की प्रत्याशी बनी थीं। अब चारू कैन के सपा प्रत्याशी बनने से इस सीट पर चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो गई है।