
सना रानी के प्यार में सरहद पार कर पाकिस्तान पहुंचे गांव खिटकारी निवासी बादल बाबू की सजा पूरी हो गई है।
पाकिस्तान में अवैध रूप से सीमा पार करने के मामले में सजा काट रहे खिटकारी के बादल बाबू की एक साल की सजा पूरी हो गई है। फिलहाल उसे पाकिस्तान के एक डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। उसके अधिवक्ता के अनुसार, भारत भेजने से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। संभावना है कि एक सप्ताह के भीतर उसकी भारत वापसी हो सकती है।
अलीगढ़ के बरला क्षेत्र के गांव खिटकारी के कृपाल सिंह का बेटा बादल बाबू फेसबुक से पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन की युवती सना रानी के संपर्क में आया था। बातचीत बढ़ने के बाद दोनों के बीच प्रेम संबंध हो गए। इसी के चलते सितंबर 2024 में बादल बिना पासपोर्ट और वीजा के सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया और सना के घर चला गया। वह दो दिन तक वहां रहा, लेकिन बाद में सना और उसकी मां ने उसे भारत लौटने की सलाह देकर घर से बाहर भेज दिया।
इसके बाद बादल मंडी बहाउद्दीन क्षेत्र में हाजी असगर अली के यहां बकरी चराने का काम करने लगा। उसकी भाषा और रहन-सहन से स्थानीय लोगों को संदेह हुआ। इस पर पुलिस को सूचना दी गई। 27 दिसंबर 2024 को सदर थाना पुलिस ने उसे अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। भारतीय एजेंट होने की आशंका के चलते पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने भी उससे पूछताछ की थी।
यह मामला दोनों देशों में चर्चा का विषय बना रहा। बादल के पिता कृपाल सिंह ने इंटरनेट के माध्यम से पाकिस्तान के अधिवक्ता फियाज रामे से संपर्क कर कानूनी मदद ली। सुनवाई के दौरान बादल ने जेल में इस्लाम धर्म अपनाने और सना रानी से निकाह कर उसके साथ रहने की इच्छा जताई, लेकिन सना ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया। मोबाइल फोन, सोशल मीडिया चैट और गवाहों के बयानों के आधार पर पाकिस्तानी अदालत ने बादल को एक साल की सजा सुनाई थी।
अब सजा पूरी होने के बाद बादल को जेल से रिहा कर डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। पिता कृपाल सिंह ने भारत सरकार से अपील की है कि पाकिस्तान सरकार से समन्वय स्थापित कर उनके बेटे को शीघ्र भारत वापस लाने की प्रक्रिया पूरी कराई जाए।
Published on:
27 Dec 2025 03:50 pm
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