रविवार को अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी क्षत्रिय करणी सेना के ओकेंद्र राणा ने ली है। आइए आपको बताते हैं ओकेंद्र राणा ने क्या कहा है।
ओकेंद्र राणा ने न केवल हमले को स्वीकार किया बल्कि इस बात पर अफसोस भी जताया कि रामजी लाल सुमन एक बार फिर बच निकले। राणा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं और चेतावनी दी कि जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं।
ओकेंद्र राणा ने खुलासा किया कि उन्हें कुछ मिनट पहले ही जानकारी मिली थी कि रामजी लाल सुमन का काफिला गभाना टोल प्लाजा से गुजरने वाला है। उन्होंने तुरंत अपनी टीम को सक्रिय कर दिया। ओकेंद्र का कहना था कि यदि उन्हें एक-दो घंटे पहले सूचना मिलती, तो स्थिति और भयानक हो सकती थी। उनका स्पष्ट कहना था कि उनका मकसद है कि समाजवादी पार्टी को घुटने टेकने पर मजबूर किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि चाहे वह अखिलेश यादव हों, रामजी लाल सुमन हों या कोई अन्य सपा नेता, जो भी उनकी नजर में आएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि रविवार को आगरा से बुलंदशहर जाते समय रामजी लाल सुमन के काफिले पर गभाना टोल के पास हमला हुआ था। हमलावरों ने काफिले पर टायर और पत्थर बरसाए, जिससे कई गाड़ियों के शीशे टूट गए और भगदड़ मच गई। इस दौरान कुछ गाड़ियां आपस में टकरा भी गईं। घटना के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कानून-व्यवस्था की स्थिति पर निशाना साधा।
आपको बता दें कि ओकेंद्र राणा पहले भी रामजी लाल सुमन के खिलाफ आगरा स्थित उनके घर पर हुए हमले में मुख्य आरोपी रह चुके हैं। 12 अप्रैल को आगरा में आयोजित एक सम्मेलन में भी ओकेंद्र मंच पर मौजूद था, मगर पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी थी।
ओकेंद्र राणा ने कहा कि गभाना टोल पर जो हमला हुआ, वह सक्रिय करणी सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा अंजाम दिया गया है और वे इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि बार-बार रामजी लाल सुमन को बचाया जा रहा है। ओकेंद्र ने सांसद पर देशद्रोही होने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिसने हिंदू महापुरुषों को गद्दार कहा, उसकी सुरक्षा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बार केवल कुछ गाड़ियां टूटी हैं, लेकिन भविष्य में परिणाम और गंभीर होंगे।