MP News: शिक्षा का अधिकार और करोड़ों का बजट, लेकिन हालात शर्मनाक है। कहीं बारिश में तिरपाल तले बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर है तो कहीं मिड-डे मील में कीड़े मिल रहे है।
worms in midday meal: आदिवासी बाहुल्य आलीराजपुर जिले में शिक्षा का अधिकार कानून और करोड़ों के बजट के बावजूद हकीकत बिल्कुल अलग दिखाई देती है। इसका ताजा उदाहरण जोबट ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय खाड़ा फलिया सिंधी से सामने आया है। यहां विद्यालय की हालत इतनी बदहाल है कि आज भी मासूम बच्चों को तिरपाल के नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। दीवारों में दरारें चौड़ी हो चुकी हैं और छत कभी भी गिर सकती है। वहीँ, चंद्रशेखर आज़ाद नगर कनिष्ठ प्राथमिक विद्यालय कोरियापाहन में मंगलवार दोपहर मिड डे मील के खाने में कीड़े पाए जाने से हड़कंप मच गया। (mp news)
हालात ऐसे हैं कि शिक्षक व बच्चे खुले मैदान में तिरपाल तानकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बरसात हो या तेज धूप, बच्चों को जमीन पर बैठकर ही अपनी पढ़ाई जारी रखनी पड़ रही है। यह तस्वीर न सिर्फ सरकारी योजनाओं बल्कि शिक्षा विभाग के दावों पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासी अंचलों के बच्चे सुरक्षित और पुख्ता भवन से वंचित हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग की लापरवाही और जिम्मेदार अफसरों की अनदेखी साफ झलकती है। कलेक्टर के आदेश भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर कोई असर नहीं डाल पा रहे हैं। (mp news)
आलीराजपुर जिले के चंद्रशेखर आज़ाद नगर कनिष्ठ प्राथमिक विद्यालय कोरियापाहन में मंगलवार दोपहर मध्यान्ह भोजन (mid day meal) में कीड़े पाए जाने से हड़कंप मच गया। जानकारी मिलते ही विद्यालय में पदस्थ शिक्षिका ने तड़वी महिला स्वयं सहायता समूह की रसोइया को जमकर फटकार लगाई और आगे से सख्त चेतावनी दी।
ग्रामीणों और बच्चों का आरोप है कि समूह द्वारा पहले भी भोजन बनाने में लापरवाही बरती जाती रही है, जिसके चलते कई बार बच्चों को गंदा और अस्वच्छ भोजन मिल चुका है। बच्चों ने घटना की जानकारी अपने पालकों को दी, जिसके बाद मामला गंभीर हो गया। मामले की सूचना मिलते ही एसडीएम निधि मिश्रा ने तत्काल संज्ञान लिया और तहसीलदार जितेंद्र तोमर को जांच के निर्देश दिए। विद्यालय में मौजूद शिक्षक ने बच्चों को वह भोजन नहीं खाने दिया और समूह से पुन: भोजन तैयार कराकर बच्चों को खिलाया।