अलवर में अभी 50 फीसदी राजस्व लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है, ऐसे में शेष समय में पूरी वसूली होने पर संशय है। विभाग को निर्धारित लक्ष्य 31 मार्च 2025 तक पूरा करना है।
अलवर। साल का आखिरी महीना शुरू होते ही सभी विभागों पर राजस्व वसूली को लेकर सरकार का दबाव शुरू हो गया है। आबकारी विभाग पर भी बड़े अफसरों का पूरा डंडा है। अलवर में अभी 50 फीसदी राजस्व लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है, ऐसे में शेष समय में पूरी वसूली होने पर संशय है।
राज्य सरकार की ओर से अलवर जिला आबकारी विभाग को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 466 करोड़ रुपए की राजस्व वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो कि 31 मार्च 2025 तक पूरा करना है। अभी तक आबकारी विभाग 221 करोड़ रुपए का राजस्व वसूल कर पाया है। विभाग दावा कर रहा है कि वसूली की प्रक्रिया को नवम्बर माह से ही तेज कर दिया था और इस महीने में 33 लाख रुपए की वसूली की गई। दिसम्बर में राजस्व वसूली की प्रक्रिया तेजी से चल रही है, लेकिन अभी आबकारी विभाग को करीब साढ़े तीन महीने में 245 करोड़ रुपए के राजस्व की वसूली करनी है। जिसे देखकर आबकारी विभाग के अफसरों के पसीने छूटे हुए हैं।
पुराने अलवर जिले में आबकारी विभाग से अधिकृत 293 देशी-अंग्रेजी शराब की दुकानें थी तथा करीब दो दर्जन शराब फैक्ट्रियां थीं। उस दौरान राज्य सरकार की ओर से अलवर जिला आबकारी विभाग को करीब एक हजार करोड़ रुपए की राजस्व वसूली लक्ष्य दिया हुआ था। अगस्त-2023 में अलवर के टुकड़े कर खैरथल-तिजारा और कोटपूतली-बहरोड़ नए जिले बना दिए गए। इसके बाद अब अलवर जिले में देशी-अंग्रेजी शराब की दुकानों की संख्या 245 रह गई हैं तथा शराब की फैक्ट्रियों में भी आधी से कम रह गई। जिसके चलते राजस्व लक्ष्य घटाकर 466 करोड़ कर दिया गया।