राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग (सीएक्यूएम) ने एक नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीएस-6, सीएनजी, एलएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा समस्त वाणिज्यिक भार वाहनों (एलजीवी, एमजीवी, एचजीवी) का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया था। मगर अब बीएस-4 वाणिज्यिक माल वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी गई है।
राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग (सीएक्यूएम) ने एक नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीएस-6, सीएनजी, एलएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा समस्त वाणिज्यिक भार वाहनों (एलजीवी, एमजीवी, एचजीवी) का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया था। मगर अब बीएस-4 वाणिज्यिक माल वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी गई है।
नए आदेश के अनुसार बीएस-4 वाणिज्यिक माल वाहन (एलजीवी, एमजीवी, एचजीवी) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 31 अक्टूबर, 2026 तक सीमित समय के लिए प्रवेश की अनुमति रहेगी।
इसके अलावा 30 नवंबर, 2022 को जारी दिशा-निर्देश के अनुसार डीजल संचालित ऑटो रिक्शा को 31 दिसंबर, 2026 से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), जिसमें अलवर जिला भी शामिल है, पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
सभी डीजल संचालित ऑटो रिक्शा मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वे एनसीआर क्षेत्र से बाहर जाने के लिए एनओसी प्राप्त करें और वाहन को निर्धारित समय सीमा से पहले बाहर ले जाएं।
एआरटीओ ललित कुमार गुप्ता ने ट्रांसपोर्टर्स के साथ बैठक कर सभी संबंधित नियमों की पालना करने और प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को समझाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि एक नवंबर, 2025 से बीएस-6, सीएनजी, एलएनजी और इलेक्ट्रिक मानकों के अनुसार वाणिज्यिक भार माल वाहनों का संचालन सुनिश्चित करें। डीजल संचालित ऑटो रिक्शा के स्वामियों को 31 दिसंबर, 2026 से पहले उनके वाहनों को एनसीआर क्षेत्र से बाहर ले जाने के लिए एनओसीप्राप्त करना अनिवार्य होगा।