बानसूर में अष्टमी पर्व को लेकर सुबह से ही मंदिर परिसर में मेला-सा दृश्य नजर आया। नवरात्रों की अष्टमी पर मंगलवार को कस्बे के ऐतिहासिक कालका माता मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रही। माता के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। भक्त हाथों में नारियल, चुनरी और प्रसाद लेकर माता के दरबार में पहुंचे और विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की।
बानसूर में अष्टमी पर्व को लेकर सुबह से ही मंदिर परिसर में मेला-सा दृश्य नजर आया। नवरात्रों की अष्टमी पर मंगलवार को कस्बे के ऐतिहासिक कालका माता मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रही। माता के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। भक्त हाथों में नारियल, चुनरी और प्रसाद लेकर माता के दरबार में पहुंचे और विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की।
कस्बे के लोगों ने बताया कि कालका माता कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र की लोगों की कुलदेवी मानी जाती हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले लोग माता के दरबार में धोक लगाना आवश्यक मानते हैं। यही कारण है कि नवरात्रों की अष्टमी के दिन मंदिर में विशेष आकर्षण और आस्था का वातावरण देखने को मिलता है।
अष्टमी पर्व को लेकर सुबह से ही मंदिर परिसर में मेला-सा दृश्य नजर आया। श्रद्धालु परिवार सहित मंदिर पहुंचे और दर्शन कर आशीर्वाद लिया। मंदिर के बाहर लगी दुकानों पर प्रसाद, खिलौने और धार्मिक सामग्री खरीदने वालों की भीड़ लगी रही। बच्चों के लिए झूले और खिलौनों की दुकानें मेले में आकर्षण का केंद्र बनीं।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी अष्टमी पर विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा और शाम को भजन-कीर्तन के साथ आरती का आयोजन किया जाएगा।
नवरात्रों के चलते कस्बे और आसपास के गांवों से हजारों की संख्या में लोग माता के दर्शन के लिए पहुंचे। प्रशासन और मंदिर समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्था की गई। भक्तों ने माता के दरबार में माथा टेककर परिवार की खुशहाली और जीवन में मंगलकामना की।