Elevated Road: सरिस्का प्रशासन ने मैपिंग को देखकर इसे वन विभाग जयपुर को भेज दिया है। एक्सपर्ट इस प्रस्ताव का अध्ययन करेंगे, उसके बाद ही एनओसी मिल सकेगी।
Sariska Elevated Road: अलवर। पीडब्ल्यूडी-एनएच ने सरिस्का एलिवेटेड रोड के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) मांगी है। प्रस्ताव में लगभग 16 हेक्टेयर वन भूमि का डायवर्जन शामिल है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 1600 करोड़ रुपए खर्च होंगे। एनओसी मिलने के बाद ही परियोजना पर आगे का काम शुरू हो सकेगा।
पीडब्ल्यूडी-एनएच को एलिवेटेड रोड बनाने का जिम्मा दिया गया है। विभाग ने तीन महीने पहले भूमि डायवर्जन व पर्यावरण एनओसी के लिए सरिस्का प्रशासन को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन सरिस्का ने यह लौटा दिया। कहा कि इसको मैपिंग के जरिए दर्शाया जाए ताकि एरिया समझ आ सके और यह देखा जा सके कि यह जंगल के कितना एरिया कवर करेगा।
उसके बाद विभाग ने अब फिर से संशोधन करके प्रस्ताव भेजा है। सरिस्का प्रशासन ने मैपिंग को देखकर इसे वन विभाग जयपुर को भेज दिया है। एक्सपर्ट इस प्रस्ताव का अध्ययन करेंगे, उसके बाद ही एनओसी मिल सकेगी।
एलिवेटेड रोड के लिए पूर्व में थैंक्यू बोर्ड से रूट तय किया था। यहां विभाग की अपनी जमीन नहीं थी, जिसकी लागत ज्यादा आ रही थी। ऐसे में संबंधित लोगों को मुआवजा देना पड़ता। सरकार ने इसकी लागत कम करने के लिए विभाग से कहा था।
सरिस्का एलिवेटेड रोड का प्रस्तावित रूट नटनी का बारा से शुरू होकर कुशालगढ़, तालवृक्ष और मुंडावर मोड़ से होकर बनेगा, जिसकी लंबाई 22 किलोमीटर होगी। यह मार्ग जयपुर और अलवर के बीच की दूरी को करीब 45 मिनट कम कर देगा। बताया जा रहा है कि इसी रूट के मुताबिक भूमि डायवर्जन एनओसी मांगी गई है।
पीडब्ल्यूडी एनएच के डायवर्जन प्रस्ताव को सरकार को भेज दिया गया है, अब एनओसी देने से लेकर अन्य कार्य वहीं से होंगे।
-संग्राम सिंह कटियार, क्षेत्र निदेशक, सरिस्का।