
पत्रिका फाइल फोटो
जयपुर। जयपुर मेट्रो के विस्तार कॉरिडोर और रिंग रोड के आस-पास कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की मांग में उछाल आया है। वहीं, घर बनाने के लिए लोग जगतपुरा, टोंक रोड, अजमेर रोड और आस-पास के क्षेत्र को पसंद कर रहे हैं।
रियल एस्टेट से जुड़ी कम्पनियों के सर्वे पर गौर करें तो जगतपुरा, टोंक रोड, सीतापुरा, विद्याधर नगर और मानसरोवर जैसे मेट्रो-लिंक्ड इलाकों में ऑफिस स्पेस, रिटेल यूनिट्स और सर्विस अपार्टमेंट्स की मांग में 8 से 12 प्रतिशत तक वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई है।
रिपोर्ट में जयपुर को टियर-2 शहरों में सबसे तेजी से बढ़ते रियल एस्टेट मार्केट के रूप में शामिल किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार 2023 से 2024 के बीच जयपुर में नई प्रॉपर्टी लॉन्च की औसत कीमत 4,240 प्रति वर्गफुट से बढ़कर 6,979 प्रति वर्गफुट तक पहुंच गई। यह वृद्धि मुख्य रूप से मेट्रो कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्रों में देखी गई है, जहां निवेशकों और डवलपर्स की रुचि लगातार बढ़ रही है।
इसी तरह एक अन्य रिपोर्ट में भी जयपुर को प्रमुख ग्रोथ इंजन के रूप में चिन्हित किया गया है। जयपुर को नागपुर, कोयंबटूर, भुवनेश्वर और इंदौर के साथ टियर-2 शहरों के ग्रोथ इंजन के रूप में शामिल किया गया है।
-स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 1000 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
-अमृत योजना के तहत 800 करोड़ रुपए सीवरेज पर खर्च होंगे।
-मेट्रो नेटवर्क फेज-2 होने से लोगों का आना-जाना आसान होगा।
-विद्याधर नगर में जहां पहले रेजिडेंशियल था। वहां अब कॉर्पोरेट ऑफिस और को-वर्किंग स्पेस की मांग बढ़ रही है।
-सीतापुरा और टोंक रोड पर इंडस्ट्रियल यूनिट्स के साथ-साथ हाई-एंड रिटेल स्टोर्स भी खुल रहे हैं।
-किराए में भी इजाफा हो रहा है। मानसरोवर और न्यू सांगानेर रोड जैसे इलाकों में छोटे ऑफिस स्पेस के लिए पहले की तुलना में 10 से 12 फीसदी अधिक खर्च करना पड़ रहा है।
ये हो रहा: किराए में भी 8-12 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। खासकर ऑफिस स्पेस और रिटेल यूनिट्स में।
Published on:
23 Aug 2025 07:53 am
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