अलवर

नगरपालिका बनने के बाद भी सफाई व्यवस्था बदहाल, करोड़ों खर्च फिर भी गंदगी का अंबार

नगरपालिका का दर्जा मिलने के बावजूद किशनगढ़बास कस्बे की सफाई व्यवस्था बदहाल है। हर साल करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपये सफाई पर खर्च होने के दावे किए जाते हैं,

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Sep 13, 2025
जमा गंदा पानी

नगरपालिका का दर्जा मिलने के बावजूद किशनगढ़बास कस्बे की सफाई व्यवस्था बदहाल है। हर साल करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपये सफाई पर खर्च होने के दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि कस्बे के वार्डों में सफाई कर्मचारी नजर ही नहीं आते। लगभग 100 कर्मचारियों की ड्यूटी होने के बावजूद कई वार्डों में महीनों से झाड़ू तक नहीं लगी।

गंदे पानी से बीमारियों का प्रकोप

कस्बे के बीचो-बीच राजवाड़े के समय से बनी खाई अब कॉलोनियों और बाजारों से घिर चुकी है। यहां गंदे पानी का जमावड़ा तालाब का रूप ले चुका है, जिससे दुर्गंध और मच्छरों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। नतीजतन कस्बे में बीमारियां फैल रही हैं।

जिम्मेदारों की बेरुखी

स्थानीय लोगों का कहना है कि नगरपालिका बनने से उन्हें उम्मीद थी कि सफाई व्यवस्था सुधरेगी, लेकिन स्थिति पहले से भी बदतर हो गई है। अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान देने के बजाय उदासीन बने हुए हैं। लोगों ने सफाई व्यवस्था में सुधार और गंदे पानी के निस्तारण की मांग की है।

Updated on:
13 Sept 2025 03:01 pm
Published on:
13 Sept 2025 03:00 pm
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