मृतक अजीत चौधरी के चाचा नरेंद्र चौधरी ने बताया कि शव मिलने के बाद वीडियो कॉल के जरिए केवल पांच सेकंड के लिए शव हमें दिखाया गया। शव की हालत देखकर हमें शक है कि उसकी हत्या हुई है।
अलवर। रूस में एमबीबीएस कर रहे लक्ष्मणगढ़ के कफनवाड़ा गांव के युवक अजीत चौधरी का शव 6 दिन बाद भी उसके घर नहीं आ पाया है। मां संतरा देवी बेटे को याद करके बार-बार बेहोश हो रही हैं। बेटे का इंतजार करते-करते उसकी आंखें पथरा गई हैं। कई दिनों से घर का चूल्हा भी नहीं जला है। परिवार ही नहीं पूरा गांव सदमे में है।
एक ही सवाल बार-बार कौंध रहा है कि आखिर अजीत की मौत कैसे हुई? परिवारजन इसे आत्महत्या नहीं हत्या बता रहे हैं। तीन भाई-बहनों में अजीत सबसे छोटा है। बहन की शादी हो चुकी है। सारा परिवार खेतीबाड़ी करके घर का गुजारा चलाता है। जब से बेटा गायब हुआ है, तब से उसकी मां संतरा देवी की हालत खराब है। वे रोजाना बेहोश हो रही हैं। उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है। उठती हैं तो यही पूछती हैं कि अजीत कहां है।
बहन का भी रो-रोकर बुरा हाल है। अजीत के चाचा नरेंद्र चौधरी ने बताया कि शव मिलने के बाद वीडियो कॉल के जरिए केवल पांच सेकंड के लिए अजीत का शव हमें दिखाया गया। हमने उस समय स्क्रीन शॉट ले लिए थे।
शव की हालत देखकर हमें शक है कि उसकी हत्या हुई है। पूरे शरीर पर मिट्टी लगी है, लेकिन उसके सिर पर मिट्टी का निशान तक नहीं है। उन्होंने कहा कि करौली के एजेंट के जरिए हमने अजीत को रूस भेजा था।
रूस में बीच में ही एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़कर आए एक अन्य जानकार छात्र ने ही उस एजेंट के बारे में बताया था। जब अजीत गायब हुआ था तो हमारे पास फोन न आकर उस छात्र के पास ही फोन आया था। इस पूरे मामले में विदेश मंत्रालय को हस्तक्षेप कर जांच करानी चाहिए।
नरेंद्र ने बताया कि सोमवार को हम केंद्रीय वनमंत्री भूपेंद्र यादव से हसन खां में मिले थे। करीब आधा घंटे तक बातचीत हुई। उन्होंने विश्वास दिलाया है कि जल्द से जल्द अजीत का शव गांव लाया जाएगा। जो भी सरकार सहायता कर सकती है वो हम करेंगे। उधर, नॉर्थ अमेरिका राजस्थान एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम भंडारी भी शव को लाने के लिए प्रयासरत हैं।
अजीत चौधरी रूस के ऊफा शहर में बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से साल 2023 से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। वह थर्ड ईयर का स्टूडेंट था। 19 अक्टूबर को अजीत लापता हो गया था। वहीं 20 अक्टूबर को रूस में कॉलेज कैंपस से करीब 3 किलोमीटर दूर नदी के किनारे उसके कपड़े मिले थे। छह नवंबर को बांध में उसका शव मिला था।