राजगढ़ तथा टहला क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर दो माह में हुए हादसों में कई लोगों की मौत हो चुकी है।
अलवर. जिले के ब्लॉक क्षेत्र की सड़कों पर तेज रफ्तार ओवरलोड डंपर व अन्य वाहन दौड़ते देखे जा सकते हैं। इनसे आए दिन किसी न किसी की जान भी जा रही है। इधर पुलिस व परिवहन विभाग की कार्रवाई कागजों तक ही सीमित है। राजस्थान पत्रिका टीम ने इस मामले में पड़ताल की तो हालात कुछ इस तरह के सामने आए। पढ़े यह ग्राउंड रिपोर्ट।
प्रतापगढ़. समीपवर्ती गांव झिरी माइंस क्षेत्र से पत्थर निकालने के बाद परिवहन कर अलवर, जयपुर व दौसा जिला मुख्यालय ले जाने के दौरान कस्बे के मुख्य बस स्टैंड व आबादी के बीच से गुजरने वाले ओवरलोड व ओवरस्पीड डंपर व ट्रकों से हादसे की आशंका बनी रहती है। क्षेत्र में अब तक लोगों की जिंदगी को लील भी चुके है।डंपर मालिकों की सेटिंग ऐसी की किसी जिला मुख्यालय तक जाने वाले रास्ते में कई थानों, वन विभाग की चौकियां, परिवहन विभाग के कार्यालय होने के बावजूद किसी से कोई डर नहीं। पिछले दिनों 24 सितंबर को झिरी गांव के समीप तेज रफ्तार डंपर ने बाइक सवार चार लोगों को कुचल दिया था। जिनमें से तीन की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि चौथे गम्भीर घायल ने दूसरे दिन उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। इसके बाद आनन-फानन में स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एसडीएम व परिवहन विभाग ने दोबारा ऐसी घटना नहीं घटे, इसके लिए कई योजनाओं पर काम करने का दम भरा था। गुस्साए ग्रामीणों ने तीन घण्टे एसएच सड़क पर जाम भी लगाया था। पुलिस की ओर से सड़क जाम के मामले में तीस-चालीस लोगों पर राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज भी किया था, लेकिन तेज रफ्तार ट्रक या ओवरलोड डंपर जो थानों के आगे से गुजरते हैं, उन पर कार्रवाई करना उचित नहीं समझा। पिछले साल दौसा रोड मुख्य बस स्टैंड पर एक महिला को डंपर के कुचलने से मौत हो गई थी। जब घटना होती हैं तो उस समय प्रशासन चाक-चौबंद नजर आता है, लेकिन दो-चार दिन बाद ढर्रा पुराने सिस्टम पर लौट आता है। वर्तमान में ये डंपर स्कूली क्षेत्र, मुख्य आबादी सहित थाना, वन विभाग कार्यालय के सामने से बेरोकटोक गुजरते दिखाई देखे जा सकते है।
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यह बोले जिम्मेदार
अवैध खनन व अवैध हरी लकड़ियों के खिलाफ हमारी ओर से लगातार कार्रवाई की जाती है। डंपर में ओवरलोड पर कार्रवाई परिवहन विभाग की ओर से की जाती हैं।रामवतार मीना, वनपाल, वन नाका प्रतापगढ़।
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पुलिस की ओर से यातायात के नियम तोड़ने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। चालान, वाहन जब्त किया जाता है। परिवहन विभाग को ओवरलोड डंपर व ट्रक पर कार्रवाई के लिए पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाना चाहिए।
जगजीवनराम, एसएचओ, प्रतापगढ़।
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बन रहे यमदूत व एवं जाम का कारण, 10 माह पहले ली थी एक की जानखेरली. ओवरलोडिंग अवैध वाहन आमजन के लिए खतरा बने हुए हैं। इनसे लंबा जाम भी लग रहा है। ये वाहन रात्रि में आवागमन कर रहे हैं। कस्बा समीप अलीपुर एवं घाटाभवर में पत्थर, गिट्टी आदि की लीज होने के कारण कई वाहन ओवरलोड निकलते हैं। कई अवैध खनन वाले भी ओवरलोड होकर तेज गति से निकलते हैं। लगभग 10 माह पूर्व ऐसे ही एक वाहन से टकरा कर कस्बा निवासी की मौत हो गई थी। एक ने दुर्घटनाग्रस्त होकर अस्पताल में चार माह जीवन-मौत के बीच जूझता रहा। गिट्टी, पत्थर, बजरी, डस्ट, तूड़ी आदि के वाहन सारे नियमों को ताक पर रखकर चल रहे हैं। ट्रॉली में तूड़ी इतनी भरी जाती है कि वह बाहर सड़क की ओर कई फीट तक झूलती रहती है। इन पर कोई रिफ्लेक्टर भी लगा नहीं होता। दिखाई नहीं देने से वाहन टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। कई बार पुलिस इन पर कार्रवाई करती है, लेकिन जिला मुख्यालय से दूरी होने के कारण परिवहन विभाग कार्य नहीं करता है। आरोप है कि परिवहन अधिकारी को कई बार इस बारे में जानकारी रहती है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
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राजगढ़ व टहला क्षेत्र में हो चुके कई हादसे
राजगढ़. राजगढ़ तथा टहला क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर दो माह में हुए हादसों में कई लोगों की मौत हो चुकी है। टहला क्षेत्र के तेजाला बस स्टैण्ड के पास डम्पर की टक्कर से 12 सितम्बर को बाइक सवार दो लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा टहला- गोला का बास मार्ग के मध्य 19 अक्टूबर को डम्पर की टक्कर से दो बाइक सवारों की मौत हुई थी। इसी दिन नीमला- राजपुर बड़ा मार्ग के मध्य मोतीवाड़ा गांव के पास तेज रफ्तार कार की टक्कर से एक बाइक सवार की मौत हो गई थी। कस्बे के अलवर-सिकन्दरा मेगा हाईवे स्थित क्षेत्रीय वन अधिकारी कार्यालय के समीप 11 सितम्बर को कैंटरा की टक्कर से एक बाइक सवार की मौत हो गई थी। इसके अलावा विभिन्न अलग-अलग हादसों में भी कई व्यक्ति घायल हो चुके हैं। टहला क्षेत्र में खानों के बंद होने के कारण ओवरलोड डम्परों पर लगाम तो लगी हैं, लेकिन वाहनों की रफ्तार कम नहीं हो रही।