अलवर

Home Work Stress: मासूम की जिंदगी का अंत, होमवर्क का बोझ नहीं सह पाया 10 वर्षीय बालक

Child Suicide: यह घटना न केवल उस परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी चोट है। उदित की मासूमियत और उसकी असमय मृत्यु हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपने बच्चों से अधिक उम्मीदें लगा रहे हैं?

2 min read
Jan 14, 2025

राजगढ़ (अलवर)। धमरेड़ गांव के ककरोड़ी का बास में घटित एक दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार को कक्षा छह में पढ़ने वाले मात्र 10 वर्षीय बालक उदित मीना ने तनाव के कारण अपनी जान दे दी। वजह इतनी मामूली थी कि सुनकर हर दिल भर आए - स्कूल का होमवर्क पूरा नहीं कर पाने का दबाव।

उदित मीना, जो मांडलबास निवासी राज मीना का बेटा था, अपनी बुआ के गांव ककरोड़ी का बास में रहकर पढ़ाई कर रहा था। पुलिस के अनुसार, उदित को सोमवार को राजगढ़ चिकित्सालय लाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार ने शव का पंचनामा और पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया।

उदित दो बहनों का इकलौता भाई था। उसके पिता दिल्ली में टैक्सी चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। यह घटना समाज में बढ़ते तनाव और बच्चों पर पढ़ाई के दबाव का एक मर्मस्पर्शी उदाहरण है। एक मासूम ने केवल होमवर्क पूरा नहीं कर पाने के कारण आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।

यह घटना न केवल उस परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी चोट है। उदित की मासूमियत और उसकी असमय मृत्यु हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपने बच्चों से अधिक उम्मीदें लगा रहे हैं? क्या पढ़ाई का बोझ उनके नाजुक कंधों पर इतना भारी हो गया है कि वे इससे मुक्त होने का रास्ता आत्महत्या में तलाशने लगे हैं?

आज यह जरूरी हो गया है कि हम अपने बच्चों को न केवल अच्छी शिक्षा दें बल्कि उन्हें मानसिक तनाव से बचाने के लिए भावनात्मक सहारा भी प्रदान करें। उदित की यह दुखद कहानी हमें यह सीख देती है कि हमें अपने बच्चों के साथ संवाद को बढ़ावा देना चाहिए और उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहिए कि वे किसी भी समस्या का सामना करने में अकेले नहीं हैं।

Updated on:
14 Jan 2025 10:12 am
Published on:
14 Jan 2025 09:34 am
Also Read
View All

अगली खबर