नगर निगम अलवर में जेसीबी खरीद घोटाले का मामला अब और गहराता जा रहा है। स्थानीय निकाय विभाग जयपुर ने साफ कर दिया कि नगर निगम अलवर की ओर से खरीदी गई 2 जेसीबी में बड़ी वित्तीय अनियमिताएं हुई हैं।
नगर निगम अलवर में जेसीबी खरीद घोटाले का मामला अब और गहराता जा रहा है। स्थानीय निकाय विभाग जयपुर ने साफ कर दिया कि नगर निगम अलवर की ओर से खरीदी गई 2 जेसीबी में बड़ी वित्तीय अनियमिताएं हुई हैं। 12.87 लाख रुपए खरीद में अधिक दर्शाए गए हैं।
ऐसे में नगर निगम अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता। इस खरीद में खेल करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम बताने होंगे। क्योंकि यह मामला सरकार तक भेज दिया गया है। ऐसे में इसे निगम व प्रशासन चाहकर भी दबाना चाहेगा, तो नहीं हो पाएगा।
नगर निगम ने 70 लाख कीमत की दो जेसीबी करीब 5 माह पहले खरीदी थी, जबकि गाजियाबाद नगर निगम की ओर से वही एक जेसीबी करीब 27 लाख में खरीदी गई। मामला पत्रिका ने उठाया तो नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, भाजपा के निवर्तमान पार्षद अजय पूनिया ने इसकी शिकायत सरकार से की। स्थानीय निकाय विभाग के उप निदेशक विनोद पुरोहित ने उच्च स्तरीय जांच कराई, तो यह खेल पकड़ा गया।
उन्होंने जांच रिपोर्ट डीएलबी को भेजी। डीएलबी की सतर्कता शाखा ने उप निदेशक कार्यालय से कहा कि उन आरोपियों के नाम बताएं, जिन्होंने घोटाला किया है। उसके बाद उप निदेशक जयपुर ने नगर निगम आयुक्त से आरोपियों के नाम भेजे, लेकिन एक माह से यह पत्र दबाए हुए है। मामला सार्वजनिक हुआ, तो जयपुर की जांच रिपोर्ट को झुठलाकर अपने आंकड़े पेश कर दिए गए, लेकिन जयपुर के अधिकारियों ने कहा कि निगम यह गलती कर रहा है। आरोपियों पर कार्रवाई होगी और नाम भी बताने होंगे।
हमने दो जेसीबी खरीदी की उच्च स्तरीय जांच कराई है, जिसमें अलवर व गाजियाबाद नगर निगम जेसीबी का स्पेसिफिकेशन एक ही पाया गया है। दरों में काफी भिन्नता है। ऐसे में खरीद करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। नगर निगम को नाम देने होंगे - विनोद पुरोहित, उप निदेशक, स्थानीय निकाय विभाग जयपुर