सरिस्का सीटीएच के नए ड्राफ्ट पर लगाए गए आरोपों का जवाब जैसे ही केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंच से गाने के जरिए दिया। उसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी पलटवार किया।
सरिस्का सीटीएच के नए ड्राफ्ट पर लगाए गए आरोपों का जवाब जैसे ही केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंच से गाने के जरिए दिया। उसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी पलटवार किया। जूली ने कहा कि मंत्री केवल यह साबित करें कि उनके इस सीटीएच ड्राफ्ट से एक भी बंद खान नहीं खुलेगी। केवल बाघों को लाभ मिलेगा। इस पर मंत्री स्थिति साफ करें।
जूली ने आरोप लगाया कि मंत्री का बयान केवल बंद खान संचालकों व होटल कारोबारियों के पक्ष में है। जैसे ही खानें खुलेंगी तो यह सब मिलकर जश्न मनाएंगे और अलवर की जनता ठगी महसूस करेगी। वन्यजीव खतरे में आ जाएंगे। जूली ने कहा कि सरिस्का के टहला क्षेत्र में 3.7 वर्ग किलोमीटर का सघन वन क्षेत्र है, जहां बाघिन एसटी-27 ने मई 2024 में दो शावकों को जन्म दिया था, उसे सीटीएच से हटाकर बफर जोन में डाला जा रहा है।
इससे इस क्षेत्र में खनन और होटल संचालन की अनुमति मिल सकती है, जो सीधे बाघों के जीवन के लिए खतरा बनेगी। वन मंत्री अपने भाषण के दौरान इकोलॉजिकल सेंसेटिव जोन की बजाय इकोनॉमिक सेंसेटिव जोन को लेकर चिंतित हैं। वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बंद 50 से अधिक खानों को सीटीएच से हटवाकर दोबारा खुलवाना चाहते हैं।