राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई बेरोजगारी भत्ता योजना से बेरोजगारों की आस खत्म होने लगी है। योजना के तहत युवाओं के खाते में पिछले कई माह से भत्ते का पैसा नहीं आया है।
राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई बेरोजगारी भत्ता योजना से बेरोजगारों की आस खत्म होने लगी है। योजना के तहत युवाओं के खाते में पिछले कई माह से भत्ते का पैसा नहीं आया है। विभाग की ओर से भत्ते के बिल बनाकर कोष कार्यालय भेजे गए हैं, लेकिन ईसीएस जारी नहीं होने से वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई हैं।
इसके चलते बिलों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यह योजना शुरू की गई थी। जिसमें बेरोजगारों को इंटर्नशिप के दौरान सरकारी कार्यालय में प्रतिदिन कम से कम चार घंटे काम करना पड़ता है।
इसके बाद पुरुषों को चार हजार व महिलाओं को साढे़ चार हजार रुपए का भुगतान किया जाता है। जो बेरोजगार रोजगार विभाग में पंजीकृत हैं, उनको विभाग की ओर से इंटर्नशिप कराई जाती है, लेकिन भत्ता नहीं मिलने के बाद भी बेरोजगारों को इंटर्नशिप करवाई जा रही है। कई बेरोजगारों ने भत्ता नहीं मिलने के कारण इंटर्नशिप छोड़ दी है क्योंकि कार्यालय तक आने जाने के लिए वाहन किराया या फिर पेट्रोल का खर्चा उठाना भी इनके लिए मुश्किल हो गया है।
विभाग की ओर से बजट दिया जा रहा है। कुछ श्रेणियों में इस वर्ष जनवरी व फरवरी का बजट दिया ,है जो खाते में आ रहा है। कुछ वर्ग में पिछले साल का बजट भी दिया है। कुछ बिल कोष कार्यालय व ईसीएस स्वीकृति के लिए पेंडिग है। जिसके चलते पैसा खाते में नहीं आ रहा है। - हरि सिंह, सहायक निदेशक, जिला रोजगार कार्यालय अलवर