खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलकर भर्तृहरि नगर करने और जिला मुख्यालय को भिवाड़ी स्थानांतरित करने की चर्चाओं ने स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है।
खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलकर भर्तृहरि नगर करने और जिला मुख्यालय को भिवाड़ी स्थानांतरित करने की चर्चाओं ने स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। वर्तमान में जिला मुख्यालय का दर्जा खैरथल के पास है, लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों को नया प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत भिवाड़ी को मुख्यालय बनाने की तैयारी है। इस निर्णय के विरोध में स्थानीय नागरिकों ने ‘जिला बचाओ संघर्ष समिति’ का गठन कर आम सभा आयोजित की।
सभा में वक्ताओं ने कहा कि मुख्यालय परिवर्तन से न केवल खैरथल की पहचान और विकास पर असर पड़ेगा, बल्कि यहां के लोगों के हितों की भी अनदेखी होगी। विरोध में कांग्रेस विधायक दीपचंद खैरिया ने भी तीखा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि इस फैसले का मुकाबला जनता करेगी। जो लोग इस तरह का निर्णय लेंगे, वे गांव में घुस नहीं पाएंगे। सभा के दौरान लोगों ने चेतावनी दी कि यदि प्रस्ताव लागू किया गया तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
वहीं बीजेपी नेता इसे सही बता रहे हैं। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि खैरथल-तिजारा जिले का नाम महान तपस्वी बाबा श्री भर्तृहरि नाथ महाराज के नाम पर रखे जाने के फैसले का मैं स्वागत करता हूं। अलवर बाबा भर्तृहरि की तपोभूमि रही है। इस निर्णय से क्षेत्र के सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मैं जनभावनाओं को नज़र में रखते हुए लिए गए इस निर्णय के लिए मुयमंत्री का अभिनन्दन करता हूं।